नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से सीमा विवाद चल रहा है। चालबाज चीन ने अब तिब्बत में पहली बार बुलेट ट्रेन शुरू की है। यह बुलेट ट्रेन तिब्बत की राजधानी ल्हासा और निंगची के बीच शुरू हुई है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इसका रूट अरूणाचल प्रदेश से लगा हुआ है। यह रूट 435.5 किलोमीटर का है। सिचुआन-तिब्बत रेलवे के हत यह आता है। इसका उद्घाटन तब किया गया जब एक जुलाई को चीन की सत्ताधानी कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ चाइना अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रही है। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने लिखा कि तिब्बत स्वायत्त इलाके में शुक्रवार को पहली बार बिजली से संचालित बुलेट ट्रेन शुरू हो गई है। सिचुआन तिब्बत रेलवे तिब्बत के भीतर किंगाची-तिब्बत रेलवे के बाद दूसरा होगा।
चीन में ट्रेनों की गति अब बढ़कर 350 किलोमीटर प्रति घंटे हुई
चीन ने 2025 तक हाईस्पीड ट्रेन का नेटवर्क 50 हजार किलोमीटर तक बढ़ाने का है। हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 2020 के अंत तक 37,900 किलोमीटर था। चीन में ट्रेनों की गति अब बढ़कर 160 किलोमीटर से 350 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच पहुंच गई है।
रणनीतिक लिहाज से भारत और चीन दोनों के लिए ही संवेदनशील
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट के शताब्दी समारोह से ठीक पहले इस बुलेट रेल सेक्शन की शुरूआत की गई है। सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे ल्हासा-न्यिंगची सेक्शन का उद्घाटन किया गया है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इस सेक्शन पर शुक्रवार को पहली बुलेट ट्रेन चली। किंघई-तिब्बत रेलवे के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत में दूसरी रेलवे लाइन है। यह किंघई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा। यह इलाका दुनिया की सबसे ऊंचाई वाली जगहों में से एक है और रणनीतिक लिहाज से भारत और चीन दोनों के लिए ही संवेदनशील है।
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