बीजिंग (एजेंसी)। चीन में कोरोना बेकाबू होता नजर आ रहा है। एक दिन में 39 हजार से अधिक कोरोना के नए केस नजर आ रहे हैं। बहुत से क्षेत्रों में लॉकडाउन लगा हुआ है। लॉकडाउन के खिलाफ चीन की जनता ने जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। चीन, दुनिया की तीन बड़ी महाशक्तियों में शुमार है लेकिन इसी देश में आम लोग आज सबसे ज्यादा परेशान हैं। पुरानी कहावत है कि इतिहास खुद को दोहराता है और चीन की जनता शायद 1989 के इतिहास को दोहराने के लिए सड़कों पर उतर आई है। आपको याद होगा कि दिसंबर 2019 में चीन की एक लैब से बेहद खतरनाक रणनीति के तहत छोड़े गए कोविड वायरस ने दुनिया में एक-डेढ़ साल तक किस कदर तबाही मचाई थी। अब वही कोविड चीनी सरकार के लिए जी का जंजाल बन चुका है।
विरोध प्रदर्शन
शंघाई में हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। शंघाई से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब बीजिंग, चेगदू, लॉनझाउ ग्वांगझू, होटान, वुहान में पहुंच चुका है। हजारों की तादाद में लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन की वजह एक यह है कि उरूमकी शहर में एक अपार्टमेंट आग लग गई थी जिसकी वजह से 10 लोगा जिंदा जल गए थे। इसके घटना के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कारोना प्रतिबंधों के कारण इस बिल्डिंग में रेस्क्यू आॅप्ररेशन ठीक से नहीं किया गया। लोगों को कोई बचाने नहीं आया।
上海乌鲁木齐路 民众高喊
共产党 下台!
这是迄今为止最为激进的口号。 pic.twitter.com/ijP7lxnIgH— 李老师不是你老师 (@whyyoutouzhele) November 26, 2022
पहली बार जिनपिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
आपको बता दें कि पहली बार ऐसा हुआ है कि जिनपिंग के खिलाफ इतनी भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। चीन में वर्ष 2019 में कोरोना को काबू पाने के लिए कड़ी पाबंदिया है। लगातार प्रतिबंधों से तंग आ चुकी जनता अब सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है।
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