Children Story: उदयपुर नाम का एक गांव था जहाँ सभी लोग मिलजुल कर रहते थे। उसी गाँव के पास रतनपुर नाम का गाँव था जिसमें राजू और अर्जुन नाम के दो मित्र रहते थे। राजू लालची और ठगी इंसान था और अर्जुन बहुत ही ईमानदार था। अर्जुन यह सब जानता था लेकिन किसी के सामने कह नही सकता था क्योंकि वह बहुत गरीब था और उसका कहीं काम भी नही लगा था जिसकी वजह से वह पूरी तरह राजू पर निर्भर था। राजू ने भी उसे कभी बोझ नही समझा और अर्जुन की सारी जरुरतों को पूरा करता था। Children Story
एक दिन राजू ने उदयपुर में ठगी करने की योजना बनाई। वह उस गाँव में गया और जब वहां से वापस आया तो उसके पास इतना सारा सामान था जितना की उसने कभी देखा भी नहीं था। इतना सामन देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने उस गाँव में दोबारा जाने की सोची पर इस बार उसने अर्जुन को भी अपने साथ जाने को कहा लेकिन अर्जुन ने मना कर दिया। Children Story
फिर राजू अकेले ही योजना बनाकर उस गांव में दोबारा पहुँच गया और पहले की तरह इस बार भी खूब सामान ठग लिया। घर वापस आकर उसके मन में फिर सवाल उठा की मैं और भी सामान ला सकता था। उसके मन का लालच खत्म ही नही हो रहा था और वह सोच रहा था कि अर्जुन अगर उसके साथ चलता तो वे दोनों बहुत सारा सामान ले आयंगे तो पहले की तरह उसने अर्जुन से फिर अपने साथ जाने के लिए दबाब डाला और कहा इस बार जो भी सामान हाथ लगेगा उसे आपस में आधा-आधा बाँट लेंगे इस बार अर्जुन मान गया क्योंकि इतना सारा सामान देखकर अर्जुन के मन में भी लालच आ गया और उसके मन में भी बईमानी आ गई।
उधर उदयपुर गाँव में भी बहुत हल्ला मचा हुआ था की दो दिन से उनका इतना सामान कहाँ गायब हो गया। तभी गाँव के कुछ लोगों ने मिलकर योजना बनाई की अब जब भी वह ठग आएगा हम सब मिलकर उसे पकड़ लेंगे। Children Story
रात हुई दोनों दोस्त ठगी के लिए चल दिए। राजू ने उसे सब समझाया ताकि वह कोई गलती ना करे उधर उदयपुर गांव के लोग भी छुपकर उनपर नजर रखे हुए थे।
राजू को कुछ दूर चलकर ही पता चल गया की कोई उन पर नजर रख रहा है पर अर्जुन बेचारे को इस बारे में नहीं पता था। वह तो पहले से ही डरा और घबराया हुआ था।
राजू ने चालाकी दिखाई और अर्जुन से कहा की तू दीवार कूदकर घर के अंदर घुस जा, मैं पीछे आता हूँ। बेचारा अर्जुन जैसे ही दीवार कूदकर घर में घुसा राजू वहाँ से भाग गया और जल्दी से अपने घर का सारा सामान लेकर गांव छोड़कर चला गया।
वहाँ उदयपुर में बेचारा अर्जुन अंदर घुस गया पर जब बहुत देर तक राजू अंदर नही आया। उसे समझ नही आ रहा था किअब वह करे तो क्या करें? वह बहुत डरा हुआ था। उस घर में अँधेरा बहुत था जब उसने आगे बढ़ने को कदम बढ़ाया तो उसके पैर से बर्तन टकरा गए। बर्तनों के गिरने की आवाज सुनते ही सारे गाँव वाले उस घर के बाहर आ गए और उसे पकड़ लिया। Children Story
अर्जुन बहुत घबराया हुआ था। वह बोल रहा था कि उसने कुछ नहीं किया और माफी मांगने लगा पर गांव वालों ने उसे माफ नहीं किया। वह बार बार कहता रहा की आज पहली बार मैंने ऐसा करने की कोशिश की थी मुझे माफ कर दो आज के बाद में कभी ऐसा नही करूँगा पर गांव वालों ने उसकी एक ना सुनी और जो जुर्म उसने किया भी नही था उसका दंड उसे दे दिया गया। Children Story
कहानी की सीख-: कभी-कभी हमारी दोस्ती ऐसे लोगों से हो जाती हैं जो की बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते और हमें गलत काम करने के लिए प्ररित करते हैं। लेकिन हमें कभी ऐसे लोगों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम जैसे लोगों के साथ रहते हैं एक दिन हम भी वैसे ही हो जाते हैं। इसलिए हमें हमेशा अच्छे लोगों से दोस्ती करनी चाहिए।
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