संगरूर/शेरपुर(सच कहूँ/रवी गुरमा)। सरकारी के साथ साथ प्राईवेट स्कूलों की ओर से ऑनलाइनपढ़ाई शुरू करवाने से बच्चों की ओर से कई कई घंटे मोबाइल का प्रयोग करने से जहांं उनकी आंंखों पर बुरा प्रभाव पड़ने लगा है, वहीं अभिभावकों के हाथों से भी मोबाइल चले गए हैं। (online education ) कई दूर दराज वाले क्षेत्रों में बच्चों को नैटवर्किंग की मुश्किल और इन्टरनेट डेटा जल्दी खत्म होने की मुश्किलों के साथ भी जूझना पड़ रहा है। तालाबन्दी के कारण बंद हुए अलग अलग स्कूलों की ओर से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए मोबाईलों के द्वारा काम भेजा जा रहा है।
प्राईवेट स्कूल की अध्यापिका मनजीत कौर का कहना है कि बच्चों को रोजाना मोबाईलों के द्वारा काम भेजा जाता है परंतु कई बार माता-पिता यह भी शिकायत करते हैं कि आप काम बहुत अधिक देते हो एक और अध्यापिका का कहना था कि बच्चों को भेजी जाने वाली अधिकतर फाइलें जेपीजी फार्मट में होती हैं, जिस कारण कई बार नैटवर्किंग धीरे होने के कारण उनको डाऊनलोड करने में अधिक समय लग जाता है।
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