केरल के सरकारी स्कूलों ने की पहल
सच कहूँ एज्यूकेशन डेस्क | केरल के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पानी पीने के फायदों को समझाने व पानी पीने की आदत डालने के लिए एक अनोखा तरीका निकाला गया है। इसके लिए यहां अलग से घंटी बजाई जाती है और घंटी बजते ही टीचर्स के सामने बच्चे पानी पीते हैं। सरकार द्वारा यह कदम उठाने से बच्चों की सेहत में सुधार हुआ है और दूसरे स्कूल भी इसे अपना रहे हैं। यह शुरूआत दक्षिण कन्नड़ जिले के उप्पिनंगडी शहर में इंद्रप्रस्थ स्कूल ने की है। जहां तीन बार ‘‘वॉटर बेल’’ बजती है। पहली घंटी सुबह 10.35 बजे बजती है।
- दूसरी घंटी दोपहर 12 बजे और तीसरी घंटी 2 बजे बजाई जाती है।
- यह वॉटर ब्रेक 15 से 20 मिनट का होता है।
- इंद्रप्रस्थ स्कूल के प्रिंसीपल जोस एमजे ने बताया है।
- बच्चों में पानी पीने की आदत डालने के लिए ये शुरूआत की गई।
- जिसका अच्छा परिणाम आ रहा है।
- वहीं केरल के साथ-साथ पूरे देश में इस आइडिया को अपनाने के लिए आवाज उठने लगी है।
बचपन से ही बच्चों में डाले पानी पीने की आदत: डॉ. मीना
शरीर की मासपेशियों का 80 प्रतिशत और दिमाग का 90 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है इसलिए डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा मात्रा पानी पीने की सलाह देते हैं। नियमित रूप से शरीर में रोजाना 24 घंटे में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिये। पानी ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने से लेकर आपके पाचन तंत्र को फिट रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए बचपन से ही बच्चों में पानी पीने की आदत डालनी चाहिये। वहीं हमारे देश में पंद्रह लाख बच्चे हर साल डिहाइड्रेशन के कारण मौत का शिकार बन जाते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना इसका सबसे बड़ा कारण है। देश के हर स्कूल में ऐसी योजना शुरू हो जाए तो काफी हद तक डिहाइड्रेशन से बच्चों को बचाया जा सकता है।
-डॉ. मीना गोपलानी, शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पीटल, सरसा।
देश के हर स्कूल में बजनी चाहिये ‘‘वॉटर बेल’’
केरल सरकार ने सरकारी स्कूलों ‘‘वॉटर बेल’’ की जो शुरूआत की वह सराहनीय है। केरल ही नहीं मुझे लगता है कि देश के हर सरकारी व निजी स्कूल में ये ‘वॉटर बेल’ बजनी चाहिये। इससे बच्चों में पानी पीने की आदत तो बनेगी ही साथ ही पानी की कमी से पैदा होने वाली बीमारियों से भी बचाव हो सकेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस ओर ध्यान देना चाहिये।
-शिक्षक, हैप्पी, बीआर ग्लोबल स्कूल।
बच्चों की सेहत में होगा सुधार
बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ सेहत सुधार को लेकर उठाया गया यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। यदि सरकार हर प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूल में इस तरह घंटी बजाकर पानी पिलाने की याद दिलाने लगी तो कुछ ही समय में ये प्रक्रिया छात्रों के जीवन का हिस्सा बन जाएगी। जिससे बच्चों की सेहत में सुधार होगा।
-मनोज कुमार, गर्ल्स, प्राइमरी स्कूल, सुचान सरसा।
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