खिजराबाद, सच कहूं न्यूज राजेन्द्र कुमार। उत्थान संस्थान की कोशिश इकाई में दिव्यांग बच्चो द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया।जिसमें बच्चो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई जी ने सभी दिव्यांग बच्चो को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा की समाज मे विकास के हर स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।साथ ही उन्होंने बताया की इस पूरे महीने में हम इन बच्चो के साथ समावेशी माह कार्यक्रम मनाने जा रहे हैं। जिसमे इन बच्चो को सभी सामाजिक स्थानों जैसे बस स्टैंड ,स्कूल,कॉलेज ,ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स ,रेलवे स्टेशन,धार्मिक स्थलों इत्यादि मे कार्यक्रम कर बच्चो को समाज की मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए समावेशी कार्यक्रम किए जाएंगे। आगे उन्होंने समाज के सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जो भी सामाजिक व्यक्ति इस समावेशी माह के यज्ञ रूपी कार्यक्रम में अपनी आहुति डालना चाहता है उन सभी का स्वागत है।
वे सभी इस समावेशी कार्यक्रम में अपना योगदान कर सकते है।सी.जे.एम कीर्ति वशिष्ठ जी ने सभी बच्चो का कार्यक्रम देखकर उनकी प्रशंसा की व उन्हें कोर्ट में विजिट के लिए भी आमंत्रित किया। सभी बच्चो को दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा की डब्ल्यूएचओ हर साल इस दिन को मनाने में संयुक्त राष्ट्र के साथ शामिल होता है, जो दिव्यांग लोगों के अधिकारों को सुरक्षित करने के महत्व को मजबूत करता है, ताकि वे दूसरों के साथ समाज में पूर्ण, समान और प्रभावी ढंग से भाग ले सकें और अपने जीवन के सभी पहलुओं में उन्हें किसी भी प्रकार की बाधा का सामना न करना पड़े। महान शिक्षाविद डॉक्टर पी के बाजपई जी ने कहा की लोग दिव्यांगों के प्रति सहानुभूति दिखाने तथा मानवीय व्यवहार करने की बजाय उन पर व्यंग्य कसते हैं।इस तरह का दृष्टिकोण दिव्यांगों के लिए अभिशाप बन जाता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम दिव्यांगों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें। उनके प्रति मानवीयता का भाव रखें। उनमें निहित हीन भावना को दूर कर उनमें आत्मविश्वास जगाएँ।
उनके पुनर्वास के लिए प्रयत्नशील रहें। उन्हें यह अनुभव कराया जाए कि वे भी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। वे भी राष्ट्र के निर्माण में सहायक बन सकते हैं। आगे संस्थान के प्रधानाचार्य रविंद्र मिश्रा जी ने सभी दिव्यांग जनों को बधाई देते हुए कहा की दिव्यांग का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है, जो किसी अंग के न होने अथवा उसके अक्षम हो जाने पर एक सामान्य व्यक्ति के समान काम नहीं कर सकता। इस प्रकार के दिव्यांगों के लिए विशेष शिक्षा तथा पुनर्वास की आवश्यकता होती है। भारत सरकार भी दिव्यांगों की दशा सुधारने के लिए प्रयत्नशील है। हम सबका यह परम कर्तव्य है कि दिव्यांगों की दशा सुधारने के लिए आगे आए व उनको समाज की मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए सहयोगी बने।इस अवसर पर बच्चो का उत्साह बढ़ाने हेतु एक सोच नई सोच संस्था से शशी गुप्ता,पैनल एडवोकेट अमिता कुमारी ,उत्थान संस्थान से स्वाति ठाकुर ,हनी तोमर,सुमित सोनी मौजूद रहे।