मंत्रिमंडल ने पंजाब लघु खनिज नीति में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी
- 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक उठा सकेंगे लाभ
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। Mukhyamantri Tirth Yatra Yojana: पंजाब मंत्रिमंडल ने वीरवार को राज्य में अवैध खनन पर रोक लगाने और जनता के लिए रेत और बजरी की कीमतों में और कमी लाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए पंजाब लघु खनिज नीति में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य बाजार में कच्चे माल की आपूर्ति को बढ़ाना, अवैध खनन और भ्रष्टाचार को कम करना, जनता के लिए उपभोक्ता कीमतों को कम करना, राज्य के राजस्व में वृद्धि करना और खनन क्षेत्र में किसी भी संभावित एकाधिकार को समाप्त करना है। Chandigarh News
संशोधन में क्रशर माइनिंग साइट्स (सीआरएमएस) का प्रावधान किया गया है, जिससे बजरी वाली जमीन रखने वाले क्रशर मालिक अब खनन पट्टा प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से दूसरे राज्यों से सामग्री के अवैध परिवहन पर अंकुश लगने और बाजार में कुचली हुई रेत और बजरी की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है, जो राज्य में विकास गतिविधियों के लिए आवश्यक हैं। इसी तरह, भूस्वामी खनन स्थल (एलएमएस) रेत जमा वाली भूमि वाले भूस्वामियों को खनन पट्टे के लिए आवेदन करने और सरकार द्वारा अधिसूचित दरों पर खुले बाजार में सामग्री बेचने की सुविधा प्रदान करेगा। पहले, कई खनन स्थल भूस्वामियों की सहमति के अभाव में गैर-संचालनशील रहे, क्योंकि वे अज्ञात व्यक्तियों को अपनी जमीन पर खनन करने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं थे।
मई महीने में आरंभ होगी यात्रा | Chandigarh News
इसी तरह मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के प्रावधानों को भी मंजूरी दी, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। सरकार यात्रा का पूरा खर्च वहन करेगी, जिसमें वातानुकूलित यात्रा, आरामदायक आवास और भोजन शामिल है। तीर्थ यात्रा को यादगार बनाने के लिए सरकार यात्रियों को विशेष उपहार/स्मृति चिन्ह भी भेंट करेगी। 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और यह सभी जातियों, धर्मों, आय समूहों और क्षेत्रों के लोगों के लिए खुली होगी। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है और यदि आवश्यक हुआ तो इसे और बढ़ाया जाएगा। यात्रा के लिए पंजीकरण अप्रैल के अंतिम सप्ताह से शुरू होगा और यात्रा मई महीने से शुरू होगी।
मेंटरशिप कार्यक्रम लागू करने को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राज्य में स्कूल मेंटरशिप कार्यक्रम को लागू करने की भी मंजूरी दी, जिसके तहत आईएएस/आईपीएस अधिकारी राज्य भर के ग्रामीण स्कूलों को गोद लेंगे और छात्रों को जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन देंगे। यह पायलट प्रोजेक्ट राज्य के 80 प्रतिष्ठित स्कूलों में शुरू किया जाएगा और प्रत्येक अधिकारी को उनके पद की परवाह किए बिना पांच साल की अवधि के लिए स्कूल आवंटित किया जाएगा। इस कदम से छात्रों और शिक्षकों के साथ संवाद के माध्यम से शिक्षा के माहौल को और मजबूत किया जाएगा, साथ ही अधिकारी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे और शिक्षकों को उनके कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण सुनिश्चित करेंगे।
राजस्व को मिलेगा बढ़ावा
एलएमएस की शुरूआत से परिचालन खनन स्थलों की संख्या में वृद्धि होगी, जो बदले में, बाजार की आपूर्ति और राज्य के राजस्व को बढ़ावा देगा। यह कदम खनन क्षेत्र में एकाधिकार को भी रोकेगा। इसके अतिरिक्त, उपायुक्तों को सरकारी और पंचायती भूमि के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने का अधिकार दिया गया है, क्योंकि वे इन भूमियों के संरक्षक हैं। इस बदलाव से प्रक्रिया सरल होगी और सरकारी भूमि पर खनन स्थलों के संचालन में तेजी आएगी। Chandigarh News
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