नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी बनाने का प्रस्ताव रखा है। न्यायमूर्ति खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। Chief Justice Chandrachud
रिपोर्ट के अनुसार मंजूरी मिलने पर न्यायमूर्ति खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होने से पहले 6 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ से सरकार ने अपने उत्तराधिकारी के नाम का प्रस्ताव रखने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया था। शुरूआत में उन्होंने तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में वकालत की, उसके बाद वे दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में चले गए। Supreme Court
संजीव खन्ना को 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबे समय तक काम करने के बाद और 2004 में, न्यायमूर्ति खन्ना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया। खन्ना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी के रूप में कई आपराधिक मामलों में पेश होकर बहस भी की। 2005 में, उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद भी संभाला। न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। वह उन कुछ लोगों में से हैं, जिन्हें किसी भी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत कर दिया गया। Chief Justice Chandrachud
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