चीफ जस्टिस ने सीबीआई को हाईकोर्ट जज के खिलाफ केस दर्ज कर करने की अनुमति दी

Chief Justice allowed CBI to file case against High Court judge

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला पर निजी मेडिकल कॉलेजों का पक्ष लेने का आरोप

  • पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के द्वारा गठित आंतरिक समिति ने जस्टिस शुक्ला को दोषी माना था

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी। जस्टिस शुक्ला पर निजी मेडिकल कॉलेजों का पक्ष लेने का आरोप है। सीबीआई ने लखनऊ बेंच के जस्टिस शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। यह पहला मौका है, जब किसी मौजूदा जज के खिलाफ सीबीआई जांच करेगी। सीजेआई की अनुमति के बगैर सिटिंग जज के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के द्वारा जांच के लिए गठित आंतरिक समिति ने जस्टिस शुक्ला को निजी मेडिकल कॉलेजों को लाभ देने का दोषी पाया था। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस शुक्ला ने एमबीबीएस में विद्यार्थियों के प्रवेश को लेकर तय की गई समयसीमा को आगे बढ़ाया था।

जांच एजेंसियों ने सीजेआई को पत्र लिखा था

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने सीजेआई गोगोई को पत्र लिखा था। इसमें जस्टिस शुक्ला के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी। इसी सिलसिले में पिछले महीने सीजेआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि संसद में जस्टिस शुक्ला को हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव लाया जाए।

जस्टिस शुक्ला ने नहीं मानी पूर्व सीजेआई की बात

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को उस वक्त इस्तीफा देने या समय से पूर्व रिटायर होने के लिए कहा था। मगर जस्टिस शुक्ला ने इस बात से इनकार कर दिया था। 2018 में उनसे कानूनी कामकाज वापस ले लिए गए थे।