सेवा के अधिकार अधिनियम को लागू करने में रूचि नहीं दिखा रही ब्यूरोक्रेसी
सच कहूँ/संदीप सिंहमार
हिसार। हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम को लागू करने में हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी रुचि नहीं दिखा पा रही है। अब ऐसे लापरवाह अधिकारी नपते नजर आएंगे। दरअसल हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता इसी मुद्दे को लेकर अधिकारियों के साथ मंथन करने के लिए हिसार की गुजवि के सभागार में पहुंचे थे। इस दौरान सेवा के अधिकार अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू न कर पाने के कारण मुख्य आयुक्त हरियाणा के अधिकारियों से खासे से नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा यदि भविष्य में भी अधिकारियों का ऐसा ही नजरिया बना रहा तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा है कि अधिनियम के दायरे में आने वाली सेवाओं के विस्तार के लिए जल्द ही 10 अन्य सेवाओं को भी आरटीएस के दायरे में लाया जाएगा।
31 अक्टूबर तक का दिया अल्टीमेटम
मुख्य आयुक्त ने कहा कि 31 अक्टूबर तक सभी विभाग वर्ष 2020 तक की लंबित सेवाओं के मामलों का निपटान करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि विभाग नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के मामले में रिजेक्शन रेट को भी कम से कम करें। यदि इन बिंदुओं पर किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उन्हें समन कर मुख्यालय बुलाया जाएगा। ऐसे मामलों में 20 हजार रुपये तक की पेनल्टी लगाई जाएगी और यदि किसी एक अधिकारी पर 3 बार इस प्रकार की पेनल्टी लग गई तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। अभी तक लापरवाही के मामलों में आयोग ने 250 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
जानबूझकर लापरवाही की तो आॅटो सिस्टम से फसेंगे
मुख्य आयुक्त ने कहा कि सेवाओं में जानबूझकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में आॅटो अपील सिस्टम विकसित किया गया है जिसमें सेवाओं में की जाने वाली देरी के मामलों में स्वयं ही अपील फाइल होगी। इसके अतिरिक्त जल्द ही एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें देरी के मामलों में आवेदक फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि नागरिक आरटीएससी-एचआरवाई डॉट जीओवी डॉट आईएन पर भी अपनी शिकायत आयोग को कर सकते हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।