चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों ने सरसों की दो नई उन्नत किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों का हरियाणा के साथ पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू के किसानों को भी लाभ होगा। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के तिलहन वैज्ञानिकों की टीम ने सरसों की आरएच 1424 एवं आरएच 1706 दो नई किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों की अधिक उपज और बेहतर तेल गुणवत्ता के कारण राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुगार्पुर (राजस्थान) में अखिल भारतीय समान्वित अनुसंधान परियोजना (सरसों) की हुई बैठक में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू राज्यों में खेती के लिए पहचान की गई हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि आरएच 1424 किस्म इन राज्यों में समय पर बुवाई और बारानी परिस्थितियों में खेती के लिए जबकि आरएच 1706 जोकि एक मूल्य वर्धित किस्म है, इन राज्यों के सिंचित क्षेत्रों में समय पर बुवाई के लिए बहुत उपयुक्त किस्म पाई गई है। ये किस्में उपरोक्त सरसों उगाने वाले राज्यों की उत्पादकता को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने बताया कि राज्य पिछले कई वर्षों से सरसों की फसल की उत्पादकता के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर है। यह इस विश्वविद्यालय में सरसों की अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास और किसानों द्वारा उन्नत तकनीकों को अपनाने के कारण संभव हुआ है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय देश में सरसों अनुसंधान में अग्रणी केंद्र है और अब तक यहां अच्छी उपज क्षमता वाली सरसों की कुल 21 किस्मों को विकसित किया गया है। हाल ही में यहां विकसित सरसों की किस्म आरएच 725 कई सरसों उगाने वाले राज्यों के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
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