चंडीगढ़ (एमके शायना) संतों का एक ही उद्देश्य होता है समाज का भला करना। संतो को हर जीव की फिक्र होती है। उन्हें हर जीव का अच्छा बुरा पता होता है। वह अपने हर करम से हर जीव का भला करते रहते हैं। पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां हमेशा से देश व दुनिया के लोगों को सही राह दिखाते हुए उन्हें प्रभु की कृपा दृष्टि के काबिल बना रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने लोगों को समझाने के लिए हर वह तरीका अपनाया है जो लोगों को आसानी से पसंद आता है और जिस पर चलकर लोग अपनी जिंदगी को खुशनुमा बना रहे हैं।
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बात चाहे फिल्मों की करें, गानों की या रूबरू नाइट की। इन सब माध्यमों से पूज्य गुरु जी ने लोगों को अच्छा करने की प्रेरणा दी है। आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी ने बरनावा में रहते हुए समाज को सही राह दिखाते हुए तीन गाने लॉन्च किए हैं। पहला गाना ‘नित दी दीवाली’ दूसरा ‘जागो दुनिया दे लोको’ और तीसरा जो कल ही लांच हुआ है वह है ‘चैट पे चैट’। लोगों को सभी गाने बहुत पसंद आ रहे हैं। बीती रात पूज्य गुरु जी द्वारा ‘चैट पे चैट’ गाना रिलीज किया गया है जिसे लोग बढ़-चढ़कर देख रहे हैं। मजे की बात यह है कि चंद मिनटों में ही गाने पर लाखों व्यूज आ गए।
दुनिया भर में जो तकनीकी प्रगति के साथ जीवन बदल रहा है ‘चैट पे चैट’ गाना उसी पर आधारित है कि कैसे लोग मोबाइल डिवाइसों और विडियो गेमों के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। मोबाइल फोन और गेमों की लत ने लोगों को इस कदर उलझा रखा है कि उनके पास अपनों के लिए टाइम ही नहीं बचता। 21वीं सदी में हमारे पास हाथों की हथेली वाले मोबाइल फोन की मदद से सब कुछ है। एक बटन दबाते ही हम सब कुछ घर पर मंगवा सकते हैं, मात्र एक क्लिक से हम सब काम कर सकते हैं। विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है पर हमारे जीवन को खत्म करने की कगार पर भी ला दिया है।
मोबाइल के कारण परिवार से दूर हो रहे हैं बच्चे
मोबाइल और वीडियो गेम खेलने वाले अपने परिवारों से दूर हो गए हैं। दूर बैठे एक दूसरे को मैसेज करते हैं कि आपकी याद आती है जब वह बंदा पास आता है तो हम फोन पर किसी और से बात करते हैं। कहीं ना कहीं हमारी संस्कृति का पतन हो रहा है। समय की मांग को समझते हुए पूज्य गुरुजी ने समाज को फिर से मुख्यधारा में लाने के लिए यह गाना गाया है। इसी गाने में पूज्य गुरु जी ने दुनिया की कड़वी सच्चाई को बयान करते हुए बताया है कि लोग अपनों से दूर भाग रहे हैं, अपनों को समय नहीं देते और छोटे-छोटे बच्चे मोबाइल फोन से गलत और अश्लील चीजें सीख रहे हैं।
उन्होंने गाने के माध्यम से बयान किया है कि फोन में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि राम नाम कैसे जपना है यह भी सीखा जा सकता है। गाने में उन्होंने मोबाइल और गेम खेलने की वजह से खराब हो रहे स्वास्थ्य के बारे में भी बताया है कि बच्चे सारा दिन मोबाइल और वीडियो गेम खेलने में लगे रहते हैं जिसकी वजह से कोई बहुत ज्यादा मोटा हो रहा है, किसी की सेहत बिल्कुल खराब हो रही है, कोई पतला हो रहा है। फिर बच्चे टेंशन में आ जाते हैं जिसकी वजह से वह अकेलापन महसूस करते हैं, चिंता के कारण विश्व में आत्महत्या दर बढ़ बढ़ती जा रही है, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि होती जा रही है।
लोगों को इस लत से रोकने के लिए पूज्य गुरु जी ने हर रोज शाम 7 बजे से 9 बजे तक डिजिटल फास्ट की मुहिम शुरू की है जिसके अंतर्गत डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक फोन का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इस समय में वह अपने परिवार के साथ बैठकर बातें करते हैं उनके साथ समय व्यतीत करते हैं। आपको बता दें इस मुहिम का इतना पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है कि बच्चे अपनों का प्यार हासिल करने लगे हैं और भारतीय संस्कृति क्या होती है इसका एहसास करने लगे हैं। पूज्य गुरु जी का गाना एकमात्र ऐसा गाना है जो आपको अपने परिवार की वैल्यू समझा रहा है। इस गाने को लेकर देश विदेश में बहुत क्रेज देखने को मिल रहा है। सच कहूं संवाददाता से बातचीत करते हुए लोगों ने इस गाने को लेकर अपने विचार कुछ इस प्रकार सांझा किए….
गुरु संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी ने कलयुग के बच्चों की सच्चाई इस गाने में बयान की है। इस गाने की सबसे अच्छी बात जो मुझे लगी वो Digital fasting के through बच्चों को परिवार को समय देना सिखाना है। परिवार की वैल्यू बच्चो को समझना बहुत जरूरी है, जो सिर्फ गुरु जी ने ही समझाया है गाने में, वरना आज कल के गाने शराब और नशे पर ही बनते है। सैल्यूट गुरु जी को, मै चाहती हू ऐसे गाने और लाएं गुरु जी।
साक्षी इन्सां, बठिंडा
- ऐसा गाना आज से पहले नहीं सुना कभी, गाने के लिरिक्स बहुत जबरदस्त हैं, गाने के सिंगर, “गुरु जी” के लिए जितना कहा जाए कम है, रैप भी प्रशंसा जनक है। मैं बस बार-बार यही गाना सुनना पसंद कर रहा हूं।
मुकुल कटारिया, स्कार्बरो, ओंटारियो केनेडा
चैट पे चैट, करे बैठ बैठ … पंक्तियां ही सब कुछ बयान कर रही हैं। पूज्य गुरु जी ने बहुत ही अच्छा गाना हमारे रूबरू करवाया है। समाज को इस गाने की बहुत जरूरत थी। मोबाइल फोन में मस्त रहने वाले लोग अपनापन क्या होता है यह भूलते ही जा रहे थे। यह गाना एक अलार्म की तरह है कि अपनों को समय देना बेहद जरूरी है वरना रिश्तों का खत्म होना तय है।
रहबर इन्सां एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया
- आजकल जिसे देखो हाथ में मोबाइल होता है और टुकुर-टुकुर उंगलियां चलती रहती हैं। पास खड़ा बंदा देखता रहता है कि सामने वाला मोबाइल से कब फ्री होकर मेरी बात सुनेगा। आजकल बच्चे, जवान, बूढ़े सब का यही हाल है सब मोबाइल और वीडियो गेम्स में अपना ज्यादातर समय खराब करते हैं इसीलिए चिड़चिड़े हुए रहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइजस का ज्यादा इस्तेमाल लोगों को मानसिक बीमारियां दे रहा है इसीलिए कुछ समय इनसे दूर रहकर ब्रेक लेना जरूरी है जिसके लिए पूज्य गुरु जी ने डिजिटल फास्ट मूहिम चलाई है जोकि लोगों में खुशी का माहौल पैदा कर रही है। पूज्य गुरु जी का जितना धन्यवाद किया जाए उतना कम है।
सचिन ग्रोवर,संगरूर
इस युग में मोबाइल फोन में इंटरनेट होने से बच्चों को गलत जानकारियां मिल रही हैं जिससे उनका मानसिक व्यवहार बिगड़ता जा रहा है। लोगों के दिमाग कमजोर होते जा रहे हैं। मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन मानव शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। मोबाइल से ब्रेक लेना अति जरूरी है जिसे डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई बखूबी फॉलो कर रहे हैं और मोबाइल से हटकर अपने परिवार को समय दे रहे हैं और रिश्तों की गर्माहट को तरोताजा कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी का गाना आंखें खोल देने वाला है कि हम और हमारा समाज किस तरफ जा रहे हैं?
श्रुति इन्सां, मेलबॉर्न ऑस्ट्रेलिया
‘कहते हैं हर चीज गूगल पर नहीं मिलती, थोड़ा समय परिवार में बैठा जाए तो भी बहुत ज्ञान हासिल हो जाता है’। इन्हीं पंक्तियों को सही साबित करते हुए पूज्य गुरु जी ने चैट पे चैट गाना रिलीज कर के लोगों को संदेश दिया है कि फोन से हटकर अपने परिवार में समय देना चाहिए और अपने रिश्तो के प्रति वफादार रहना चाहिए। आज का समय ऐसा समय है यहां हर कोई भटका फिर रहा है, ऐसे में लोगों को अपनों की बहुत जरूरत है। बेहतर है अपनी दिनचर्या में कुछ समय फोन से दूर रहा जाए ताकि अपने शरीर को स्वस्थ रखा जाए और अपनों के बीच बैठकर उनकी भावनाओं को जाना जाए।
सनी इन्सां, मोगा
आजकल लोग मोबाइल फोन पर चैटिंग करते रहते हैं। चैटिंग से ना तो आप अपनी भावनाएं ढंग से किसी को समझा पाते हैं बल्कि गलतफहमियां और बढ़ जाती हैं। दिन रात चैटिंग पर लगे रहने से 5 में से हर दो लोगों के आंखों पर मोटे मोटे चश्मे लगे दिखते हैं। आजकल के लोग सुबह की सैर, कसरत करना यह सब कुछ तो भूल ही चुके हैं क्योंकि रात को देर रात तक रजाई में लेटे लेटे चैटिंग चलती रहती है फिर सुबह उठा नहीं जाता। पूज्य गुरु जी का गाना इसी सिस्टम को ठीक करने के लिए गाया गया है। मैं सभी से कहना चाहूंगी यह गाना जरुर सुनें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।
गगन इन्सां, संगरूर
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