Chandrayaan-3 Mission Update: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की जब उसने चंद्रयान-3 चन्द्रमा के प्रभाव क्षेत्र में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इसरो ने ट्वीट किया, ‘इस्ट्रैक में एक सफल पेरिगी-फायरिंग की गई, इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है। चन्द्रयान 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा।
Chandrayan-3 Lunch: कैसे चंद्रमा तक पहुंचेगा इसरो का चंद्रयान, यहां पढ़ें उड़ान से उतरने तक की प्रक्रिया
भारत में इसरो ने 14 जुलाई को chandrayaan-3 मिशन लॉन्च कर दिया था। और 14 जुलाई दोपहर 2: 35 पर रॉकेट LVM3-M4 का इंजन स्टार्ट हुआ और चंद्रयान को हमारा रॉकेट बादलों को चीरते हुए chandrayaan-3 को लेकर चांद की तरफ गया। और जैसे ही रॉकेट chandrayaan-3 को लेकर बढ़ रहा था तो उस समय हर एक भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। बताया जा रहा है कि chandrayaan-3 मिशन के 23 अगस्त की शाम 5:00 बजे चंद्रमा चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना जताई जा रही है। बता दे की लेंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत एक नया इतिहास रचेगा। Chandrayaan-3 Mission Update
लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा। वहीं अगर सफल लैंडिंग हो जाती है तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। क्योंकि अब तक ये उपलब्धि सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास है। इसके साथ ही लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा। वहीं अब सवाल ये उठता है कि चंद्रयान चंद्रमा तक अपना रास्ता कैसे खोजेगा। तो चलिए बताते हैं कि चंद्रमा तक अपना रास्ता कैसे खोजेगा चंद्रयान। Chandrayaan-3 Mission Update
दरअसल चंद्रयान-3 इस समय 40 हजार 400 किमी प्रतिघंटा की गति से धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। दरअसल अब 1 अगस्त 2023 की मध्य रात्रि 12 से साढ़े बारह बजे के बीच इसे लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में डाला जाएगा। यानी चंद्रयान-3 लंबी यात्रा पर निकलेगा। बता दें कि करीब पांच दिन की यात्रा के बाद यानी 5 अगस्त को यह चंद्रमा की पहली बाहरी कक्षा में जाएगा। यानी यह लूनर ब्राउंड नेविगेशन शुरू होगा। Chandrayaan-3 Mission Update
आपको बता दें कि chandrayaan-3 में किसी तरह का जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है। असल में अंतरिक्ष में कोई जीपीएस सिस्टम काम नहीं करता। तो फिर सैटेलाइट्स और स्पेसक्राफ्ट कैसे अपना रास्ता जानते हैं। ऐसे में उन्हें कैसे पता होगा कि किस रास्ते पर किस दिशा में जाना है। वहां तो कोई सड़क भी नहीं बनी है। ऐसे में स्पेसक्राफ्टस में लगे स्टार सेंसर्स मदद करते हैं। Chandrayaan 3 Mission Update
फिलहाल chandrayaan-3 धरती के चारों तरफ पांचवें ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है। इसके बाद फिर ये लंबी यात्रा पर निकलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि chandrayaan-3 में कई सारे कैमरे लगाए गए हैं,यानी स्टार सेंसर्स लगे हैं। जिनके माध्यम से वह अंतरिक्ष में दिशा पता करता है। इसके लिए वह धुव्र तारा और सूरज की मदद लेता है। बता दें कि चंद्रयान रात में ध्रुव तारा और दिन में सूरज से रास्ते और दिशा का ज्ञान लेता है। असल में ध्रुव तारा जिसे पोल स्टार भी कहते हैं, वो उत्तर की दिशा की ओर इशारा करता है। यानी आप उसकी तरफ जा रहे हैं तो आप उत्तर दिशा में जा रहे हैं। इसी तरह विपरीत तो दक्षिण, और इसी तरह पूर्व और पश्चिम का पता चलता है। Chandrayaan-3 Mission Update
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