चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में नवाब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार में मंत्रियों की संख्या सदन के सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी से अधिक होने को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायाधीश अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने मंगलवार को याचिका पर केंद्र और हरियाणा सरकार को अपना पक्ष रखने के लिये कहा। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। वकील जगमोहन सिंह भाटी की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1 ए) के अनुसार मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या सदन के सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती। हरियाणा विधानसभा के 90 सदस्य हैं और सैनी ने अपने मंत्रिमंडल में 13 मंत्री शामिल किये हैं, जिससे मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रियों की कुल संख्या 14 हो जाती है। Haryana
याचिका में यह भी कहा गया है कि इससे पूर्व मार्च में जब श्री सैनी लोकसभा सीट से इस्तीफा दिये बगैर मुख्यमंत्री बने थे। उसे चुनौती देती याचिका पर भी सुनवाई अदालत में लंबित है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के जजपा से गठबंधन तोड़ते हुये मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इस्तीफा दिया था और फिर सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय वह कुरुक्षेत्र सीट से सांसद थे। बाद में लोकसभा चुनाव के साथ श्री खट्टर के इस्तीफे से रिक्त करनाल विधानसभा सीट पर हुये उपचुनाव में वह विधायक चुने गये थे। लोकसभा चुनाव के लगभग चार महीने बाद हुये विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाई और श्री सैनी फिर मुख्यमंत्री बने। Haryana
यह भी पढ़ें:– भारत-ऑस्ट्रेलिया घनिष्ठ साझेदार हैं: वोंग