कांग्रेस के दिग्गजों पर अपनी सीट जीतने की चुनौती

Challenge of winning its seat on Congress veterans

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। पिछले चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस ने इस बार बदली रणनीति और कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने के लिए अपने कई दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद यह पहला आम चुनाव है और उसकी रणनीति में काफी बदलाव दिखाई दे रहा है।

पार्टी ने लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी तथा दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारा गया। पार्टी के दिग्गज नेताओं की भूमिका आम तौर पर चुनाव प्रबंधन की होती थी। कांग्रेस मुख्यालय में बैठकर पूरे देश की चुनावी खबर और चुनाव संचालन से जुड़े रहने वाले इन नेताओं को इस बार जनता के बीच जाकर चुनाव में विरोधियों का सामना करने को कहा गया है।

हरियाणा में भूपिन्द्र सिंह हुड्डा को मैदान में उतारा है

पार्टी ने इस बार जिन दिग्गजों को चुनाव में उतारा है उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कई वर्षों तक पार्टी महासचिव रहे बी के हरिप्रसाद, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद , अजय माकन, , मीरा कुमार, श्रीप्रकाश जायसवाल, भक्त चरणदास, भुवनेश्वर कलिता, रेणुका चौधरी, कुमारी शैलजा, आरपीएन सिंह, संजय सिंह, उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतमसिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, जे पी अग्रवाल, संजय निरुपम, नवाम तुकी आदि शामिल है। पार्टी नेतृत्व ने इन नेताओं को चुनाव मैदान में उतार कर एक तरह से उनके सामने अपनी सीट निकालने की चुनौती पेश कर दी है।

कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है

पार्टी के दो दिग्गज नेता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है । दोनों नेता अब अपनी प्रतिष्ठा बचाने तथा बेटों का राजनीतिक भविष्य सुधारने के लिए जोर आजमा रहे हैं। वर्ष 2004 के बाद कांग्रेस लगातार दो बार केंद्र की सत्ता में रही लेकिन 2014 की नरेंद्र मोदी की लहर में वह न केवल सत्ता से बाहर हो गई बल्कि उसे इतनी कम सीटें मिली कि लोकसभा में विपक्षी दल का दर्जा तक हासिल नहीं कर सकी ।

पिछले चुनाव में वह सिर्फ 44 सीट जीत सकी थी जो देश के संसदीय इतिहास में उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। पार्टी हर हाल में इस स्थिति में बदलाव चाहती है और लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है। इसलिये उसने इस बार रणनीति में बड़ा फेरबदल किया है और पार्टी ने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में सक्रिय कर दिया है।

इस चुनाव में चार पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में उतारे गए

कांग्रेस ने इस बार जिन नेताओं को टिकट दिया है उनमें से कई ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कई अब तक सिर्फ राज्य सभा के सहारे ही सांसद और मंत्री रहे हैं। इस चुनाव में चार पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में उतारे गये हैं जिनमें शीला दीक्षित नयी दिल्ली से, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से , दिग्विजय सिंह भोपाल से और हरीश रावत नैनीताल संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा की अध्यक्ष रहींमीरा कुमार बिहार के सासाराम से चुनाव लड़ रही है।

 

 

 

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