लखनऊ। लखीमपुर खीरी में किसानों को बेरहमी से कुचलने के बाद भड़की हिंसा को लेकर देशभर में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन बेशक कितनी ही मुस्तैदी और सतर्कता बरत रहा हो, लेकिन किसान उससे एक कदम आगे दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने हरियाणा और पंजाब के लोगों को पीड़ितों से मिलने से रोक लगा दी है। इसके लिए सचिव की ओर से आदेश दिए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस की चौकसी को धत्ता बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढ़ूनी पीड़ित परिवारों तक पहुंच गए और उन्हें ढांढस बंधाते हुए हौंसला बनाए रखने की अपील की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। हालांकि गुरनाम सिंह चढ़ूनी को रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता प्रबंध किए थे, उनकी पहचान के बारे में हर जगह अलर्ट भी भेजा गया था।
लेकिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपना हुलिया ऐसा बदला की पुलिस तो क्या उनके आसपास के लोग भी उन्हें पहचान नहीं पा रहे थे। अकसर सफेद-कुर्ते पायजामा व केसरिया पगड़ी में दिखने वाले गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने लखीमपुर जाने के लिए आधी बाजू की कमीज, पैंट व पगड़ी की जगह सफेद रुमाल बांधा हुआ था। पैरों में भी हवाई चप्पल पहने हुए थे। पुलिस ने एक दूसरे गुरनाम सिंह को हिरासत में ले लिया, जिनके कपड़े, पगड़ी का रंग व कद-काठी बिलकुल अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसी थी।
वहीं लखीमपुर से लौटने के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि उन्हें भी आते समय रात को 1.30 बजे यूपी पुलिस ने रोक लिया था, लेकिन उस दौरान जाने की बजाय वह वापस लौट रहे थे, इस कारण से पुलिस ने उनको जाने दिया। लखीमपुर में गुरनाम सिंह हिंसा में घायल हुए किसानों से मिले और उनका हालचाल जाना। इसके साथ ही वे मारे गए किसानों के परिजनों से भी मिले। इसके अतिरिक्त जहां किसानों का अंतिम संस्कार किया गया था वहां पहुंचकर किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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