स्कूली शिक्षा में बेहतर प्रबंधों पर उत्तरी राज्यों की दो दिवसीय कान्फ्रेंस सम्पन्न
- केंद्रीय मंत्री प्रकाष जावेडकर द्वारा सभी को गुणात्मक शिक्षा देने पर बल
- फेल ना करने की नीति समाप्त होगी समाप्त
- शिक्षा मंत्री चौधरी ने किया केंद्रीय मंत्री का धन्यवाद
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। उत्तर भारत के आठ राज्यों की शिक्षा संबंधी क्षेत्रीय कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर चंडीगढ़ पहुंचे। जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नया बिल लाने की तैयारी कर रही है।
फेल होने पर मिलेगा एक और मौका
जावड़ेकर ने कहा कि अच्छे और होनहार बच्चे ही आगे की पढ़ाई कर सकें इसके लिए ओपन बोर्ड पर अंकुश लगाया जाएगा। दसवीं में ओपन बोर्ड से परीक्षा देने वाले बच्चों को पांचवीं कक्षा का टेस्ट लिया जाएगा। यह टेस्ट मार्च में होगा। इसमें यदि कोई बच्चा फेल होता है तो उसे सुधार के लिए जून में मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी वह फेल होता है तो उसे फिर एक और मौका मिलेगा। अगर इस टेस्ट में भी बच्चा फेल होता है तो उसे आगे दाखिला नहीं मिल सकता।
रूपरेखा तैयार हो रही है
जावड़ेकर ने कहा कि चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के रिजल्ट और बेहतर हों इसके लिए पूरा सिस्टम तैयार किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के लिए शिक्षा सिस्टम बनाया जा रहा है, ताकि वो बच्चों को अच्छे से पढ़ा सकें। मंत्री ने कहा कि सभी बीएड कॉलेजों को भी अपनी परफॉर्मेंस रिपोर्ट देने को कहा गया है कि आखिर वह किस तरह से शिक्षक तैयार कर रहे हैं। अगर कालेजों ने 30 जून तक रिपोर्ट नहीं दी तो उनकी मान्यता रद कर दी जाएगी।
कान्फ्रेंस के सार्थक परिणाम मिलेंगे
पंजाब की शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी ने इस कान्फ्रेंस की सफलता पर केंद्रीय मंत्री का धन्यवाद करते हुए इसमें हिस्सा ले रहे सभी राज्यों के डेलीगेट को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि कान्फ्रेंस में हुए विचारों का आदान प्रदान और एक दूसरे राज्यों द्वारा की जा रही विषेष पहलकदमियों को अपनाने से इस कान्फ्रेंस के लंबे समय में सार्थक परिणाम निकलेंगे। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का धन्यवाद किया कि पंजाब को ऐसी कान्फ्रेंस की मेजबानी करने का अवसर मिला।
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