आपदा में केंद्र-राज्य की उठापटक उचित नहीं

Center-state-mobilization sachkahoon

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बार केंद्र सरकार व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री में जबरदस्त टकराव शुरू हो गया है। मामला उस वक्त छिड़ा जब बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री की मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देरी से पहुंची व मीटिंग में भाग लेने की बजाए वह ‘यास’ तूफान के कारण क्षति संबंधी सूचना देकर वापिस आ गई । मीडिया में मामला उछला तो ममता बनर्जी ने स्पष्टीकरण दिया कि उसे प्रधानमंत्री की मीटिंग के लिए देरी से समय मिला था। दूसरी तरफ केंद्र ने सख्ती दिखाते हुए राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली तलब कर लिया। दोनों तरफ से टकराव जारी है।

ममता ने नया रास्ता निकालते हुए झुकने की बजाए मुख्य सचिव को सेवानिवृत कर अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया। इस टकराव में सबसे बड़ी चिंताजनक बात यह है कि यह सब कुछ उस वक्त हो रहा है जब राज्य एक ही समय में कोरोना महामारी और दूसरी तरफ तूफान जैसी दो बड़ी मुसीबतें से जूझ रहा है। भले ही बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार व केंद्र का टकराव कोई नई बात नहीं। बंगाल के चुनावों की घोषणाओं से शुरू होकर अब तक जारी है।

बंगाल में आज भी चुनावों के जैसा माहौल गर्म है, लेकिन राज नेताओं को अब समझना होगा कि वे राजनीतिक टकराव छोड़कर राज्य की जनता के हित में काम करें। इस वक्त करोड़ों लोगों को मकानों, रोटी व स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता है। पूरा देश प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों के लिए चिंताजनक है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की मीटिंग में राज्य के भाजपा नेता शिवेन्द्र अधिकारी की उपस्थिति पर केंद्र सरकार चुप है। लेकिन जिस तरह मुख्य सचिव के दिल्ली तबादले के आदेश दिए गए उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई के मूड में है।

राजनीतिक बदले की भावना के दौर में संवैधानिक संस्थाओं के उद्देश्यों की पूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है। दरअसल संघीय ढांचे की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता है। राज्यों में संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को कायम रखने के लिए राजनीतिक पेेंच खेलने से बचा जाना चाहिए। केंद्र व राज्यों के संबंधों में तालमेल बढ़ाने के लिए भाजपा एवं तृणमूल दोनों को ही एक-दूसरे के पार्टी को विरोध को छोड़ने की आवश्यकता है। केंद्र-रज्यों के मजबूत संबंध ही देश के नागरिकों को मुसीबतों से निकाल सकते हैं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।