नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के समाचार मिल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए अति सक्रियता से कदम उठाये हैं और इससे बचाव और इलाज के लिए कदम उठाना सुनिश्चित किया है। इनसे संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि देश में मंकीपॉक्स का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। दिशा-निदेर्शों के अनुसार मंकीपॉक्स (Monkeypox) के किसी भी मामले की पुष्टि डीएनए अनुक्रम से की जा सकती है। सभी संदिग्ध मामले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की पुणे प्रयोगशाला को भेजे जाने चाहिए। कोई भी संदिग्ध मामला सामने आने पर पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और उनकी पहचान सुनिश्चित की जानी चाहिए।
रोगी को अलग-थलग रखा जाना चाहिए और परिवहन के लिए विशेष एम्बुलेंस का प्रयोग किया जाना चाहिए। एकांतवास के दौरान सभी सावधानियां बरती जानी चाहिए। रोगी की प्रतिदिन के आधार पर 21 दिन तक निगरानी की जानी चाहिए। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जिला तथा प्रखंड स्तर पर मंकीपॉक्स के संबंध में जागरुकता फैलाने का कहा गया है। रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों को पीपीई किट का प्रयोग करना चाहिए। मंकीपॉक्स के मामले कैमरुन, मध्य अफ्रीका गणराज्य, कोट डि आइवरी, कांगो गणराज्य, गैबोन, लाईबेरिया, नाईजीरिया और सिएरा लोन में महामारी का रूप ले चुके हैं।
इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीलरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, आस्ट्रेलिया, कनाडा, आस्ट्रिया, इजरायल और स्विटजरलैंड में मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं। मंत्रालय ने कहा है कि पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
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