एसवायएल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जवाब-

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हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बैठक करवा कर निकाला जाएगा रास्ता (SYL Issue)

  •  हरियाणा को पानी मिलने की उम्मीद और बढ़ी

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मंगलवार को जवाब दिया। केंद्र सरकार ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक साथ बैठाकर मीटिंग कराई जाएगी। इस मीटिंग में कोई रास्ता निकाला जाएगा। इससे हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलने की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। बता दें कि इसको लेकर अगस्त के तीसरे हफ्ते तक जवाब दाखिल किया जाना है।

लम्बे समय से चला आ रहा है सतुलज यमुना संपर्क नहर का विवाद

हरियाणा और पंजाब के बीच सतुलज यमुना संपर्क नहर का विवाद बहुत पुराना है। दोनों राज्यों के बीच इस मुद्दे पर अक्सर तलवारें खिंचती रही हैं। दोनों राज्यों के बीच हालात इस हद तक पहुंच गए कि उनकी विधानसभाओं में एक-दूसरे के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। पंजाब ने तो नहर के लिए अधिग्रहीत की गई किसानों की जमीनें भी वापस करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके बाद लोगों ने नहर को भरने तक शुरू कर दिया।

हरियाणा बना चुका अपने हिस्से की 91 किमी नहर

पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत 1 नवंबर 1966 को हरियाणा अलग राज्य बना, किंतु उत्तराधिकारी राज्यों (पंजाब व हरियाणा) के बीच पानी का बंटवारा नहीं हुआ। विवाद खत्म करने के लिए केंद्र ने अधिसूचना जारी कर हरियाणा को 3.5 एम.ए.एफ. पानी आवंटित कर दिया। इसी पानी को लाने के लिए 212 किमी लंबी एस.वाई.एल. नहर बनाने का निर्णय हुआ था। हरियाणा ने अपने हिस्से की 91 किमी नहर का निर्माण वर्षों पूर्व पूरा कर दिया था, लेकिन पंजाब ने निर्माण कार्य पूरा नहीं किया।

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