केंद्र ने किसानों से बातचीत के लिए फिर भेजा न्यौता

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किसान यूनियन ने 13 को बुलाई बैठक

  • केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 14 अक्टूबर को बैठक करने के लिए बुलाया
  • बैठक में शामिल होंगे कौन-कौन से मंत्री-अधिकारी, पत्र में नहीं कोई जाणकारी
  • बैठक में भाग लेने के लिए 13 अक्टूबर को किसान संगठन लेंगे फैसला

सच कहूँ/अश्वनी चावला चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को लेकर हो रहे आंदोलन के बीच किसानों को फिर से बैठक के लिए न्यौता भेजा है। केंद्रीय कृषि विभाग के सचिव द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार बैठक 14 अक्टूबर को दिल्ली में होगी, लेकिन बैठक में केंद्र सरकार का कोई मंत्री भाग लेगा या फिर अधिकारियों ही बैठक करेंगे, इस संंबंधी पत्र में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसी बात को लेकर अब किसान संगठन असमंजस में है कि उन्हें बैठक में भाग लेना चाहिए या नहीं। इसी मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने 13 अक्टूबर को बैठक बुलाई है, जिसमें दिल्ली में होने वाली बैठक संबंधी फैसला लिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने पहले भी किसान संगठनों के बातचीत के लिए न्यौता भेजा था, लेकिन पत्र को किसानों ने स्वीकार नहीं किया था, उन्होंने बैठक का बायकाट कर दिया था। किसानों की शंकाओं को दूर करने के लिए दोबारा केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पंजाब में किसान आंदोलन कर रहे हैं और भारत सरकार हमेशा ही कृषि को लेकर गंभीर रही है। इसीलिए केंद्र सरकार आपके साथ बैठक करना चाहती है। इस पत्र में बैठक के लिए 14 अक्टूबर का समय दिया गया है लेकिन उक्त अधिकारी ने पत्र में यह जानकारी नहीं दी कि किसान संगठनों के साथ बैठक कौन करेगा, इसीलिए बैठक को लेकर फिर से किसान असमंजस का शिकार हो रहे हैं।

किसानों अनुसार ही लिखवाई है शब्दावली: ज्याणी

भाजपा द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी का कहना है कि किसान संगठनों द्वारा पिछले पत्र की शब्दावली का विरोध किया था, जिस कारण अब शब्दावली किसानों के अनुसार ही लिखी गई है। इस पत्र में केंद्र सरकार बातचीत के लिए उत्सुक होना लिखा हुआ है, इससे ज्यादा क्या लिखा जा सकता है?

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