बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा (यूपी) से फेसबुक पर आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से अमृतमयी वचनों की वर्षा करते हुए फरमाया, ‘‘मालिक की साजी नवाजी प्यारी साध-संगत जीओ! आप सबको एमएसजी रहमोकर्म माह की बहुत-बहुत बधाई हो, आप सबको बहुत-बहुत आशीर्वाद।’’
ब्रह्मचर्य के लाभ पर प्रकाश डालते हुए आपजी ने फरमाया कि बच्चे पूछते हैं कि कैसे ब्रह्मचर्य संभव है? बड़ा मुश्किल होता है छोटी सी उम्र में अपने आपको कंट्रोल करना। और जो कंट्रोल कर गया वो ही सर्वोत्तम होता है। उत्तम बहुत होते हैं, अच्छे बहुत होते हैं। पर सर्वश्रेष्ठ वही हो सकता है, जो अपने आप पर कंट्रोल पाना सीख जाता है। तो आत्मबल से ही ब्रह्मचर्य संभव है। खान-पान में कुछ चीजें आपको शामिल करनी पड़ेंगी और बदलाव लाना पड़ेगा। ऐसी चीजें ना खाएं जो बेहद गर्म हों, ऐसी चीजें ना खाएं जो आपको परेशान करती हों, सात्विक भोजन हो।
कोशिश कीजिए कि बहुत स्वस्थ भोजन कीजिए। हफ्ते में एक दिन अगर आपको लगता है कि आप अपना वो जो जैसा भी खाना खाते हो, वो खा सकते हैं। लेकिन अगर सातों दिन खाओगे तो ना तो बॉडी में पावर रहती है, ना सोचने की वो शक्ति रहती है। तो एक ऐसी डाइट होनी चाहिए, जो संतुलित डाइट कहलाए। नेचर से आप खाएं, आॅर्गेनिक खाएं और वो आपके शरीर को जरूर शक्ति देगी, हिम्मत देगी। और साथ में अगर राम का नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा का नाम आप लेते हैं तो ब्रह्मचर्य में आगे बढ़ने में आपको बहुत सहायता होगी और आप ब्रह्मचर्य का पालन कर पाएंगे। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ब्रह्मचर्य का पालन हम इसलिए कहते हैं, चाहे आप पढ़ाई करते हैं, चाहे गेम्स हैं, चाहे आप किसी चीज पर रिसर्च करते हैं, चाहे खेती बाड़ी करते हैं, चाहे बिजनेस है, चाहे व्यापार है, तो ब्रह्मचर्य हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास करने में दुनिया में सबसे नंबर वन दवाई है।
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