सादुलपुर, (सच कहूँ न्यूज)। भारत की कम्यूनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने किसान मजदूर भवन कार्यालय राजगढ में कामरेड भगतसिंह की अध्यक्षता में शहीदे आजम भगतसिंह का 89वां शहादत दिवस उत्साह पूर्वक मनाया। कामरेड रामसिंह ने कहा कि शहीदे आजम भगतसिंह के सपने थे कि देश में मेहनतकश मजदूर, किसान का शासन हो ना कि गौरे लोगों के स्थान पर काले राज करें। (Martyrdom Day) उन्होनें कहा कि गुलाम का क्या कोई जीवन होता है? शहीद भगतसिंह राजगुरू सुखदेव ने हंसते-हंसते बुलन्द नारा ईंकलाब जिन्दाबाद के साथ फांसी के फंदे को चुम लिया और बलिदान हो गये।
कामरेड भगतसिंह ने आव्हान किया आज मोदी सरकार धर्मनिरपेक्ष संविधान को तार-तार कर हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सब आपस में हैं भाई-भाई के नारे को चूर-चूर करते हुए देश को धर्म एवं जाति के नाम पर बांटने का काम कर रही है, जो भगतसिंह के सपनों का देश नहीं हो सकता, उनको शहादत दिवस के अवसर पर हम शपथ लेते है कि धर्मनिरपेक्षता के लिए सब कुछ बलिदान करेंगे। वहीं कोरोना वायरस को मध्यनजर रखते हुए भगतसिंह के 89वें शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के केवल चार ही साथी रामसिंह, खेमसिंह, भगतसिंह और हरीराम आदि ने भगतसिंह, राजगुरू सुखदेव का शहादत दिवस मनाया।
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