सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होगा सीडीएलयू

CDLU

उपलब्धि : प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों द्वारा लिखे शोध पत्र प्रति पेपर एवरेज साइटेसनस में सीडीएलयू ने सबको पछाड़ा (CDLU)

सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। चौधरी देवीलाल विश्व विद्यालय को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्राध्यापकों द्वारा लिखी गई पुस्तकों एवं शोध पत्रों को अनेक शोधार्थियों तथा शिक्षाविदों द्वारा संदर्भ सूची के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। उक्त उद्गार शुक्रवार को चौधरी देवीलाल विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी ने फैकेल्टी हाउस में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राकेश वधवा, प्रोफेसर दिलबाग सिंह, डॉ. अशोक मकड़, डॉ. रविंदर, डॉ. अमित सांगवान, अधिवक्ता कमल रेहलन, राकेश गोदारा,रजत आदि उपस्थित थे।

एवरेज साइटेसनस पर पेपर में सीडीएलयू 1.1 2 के साथ पहले तो एमडीयू 1.01 के साथ दूसरे स्थान पर (CDLU)

कुलपति ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्कोपस डेटाबेस के हिसाब से वर्ष 2019 के दौरान चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों द्वारा लिखे गए शोध पत्र प्रति पेपर एवरेज साइटेसनस के हिसाब से प्रदेश भर में अन्य 49 विश्वविद्यालयों की तुलना में अग्रणी है। जिससे सिद्ध होता है कि प्राध्यापक द्वारा लिखे गए शोध पत्र एवं पुस्तक उच्च कोटि की है। कुलपति ने कहा कि स्कोपस डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सरसा के एवरेज साइटेसनस पर पेपर 1.1 2 है। इसी वर्ग में प्रदेश के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक का स्कोर 1.01 साइटेसनस है और वह दूसरे स्थान पर है।

पाठ्यक्रम में औद्योगिक जगत की मांग पर होगा बदलाव

कुलपति ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के पहचान विद्यार्थियों से होती है इसीलिए विद्यार्थी हित के लिए अनेक पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के अंदर औद्योगिक जगत की मांग को ध्यान में रखकर बदलाव किया जाएगा, ताकि यहां के विद्यार्थी पास आउट होने के उपरांत अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करके विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर सकें। कुलपति ने कहा कि अध्यापकों को आॅनलाइन मोड के हिसाब से अपने आपको तैयार रखना होगा ताकि विद्यार्थियों का किसी भी प्रकार से नुकसान ना हो और विद्यार्थियों को गुणवत्ता परक शिक्षा घर बैठे बैठे प्राप्त हो सके।

विश्वविद्यालय की पहचान वहां चल रहे शोध कार्यों से होती है

कुलपति ने कहा कि आज समय की मांग है कि शैक्षणिक संस्थान शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं प्रदान करके राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्रोफेसर सोलंकी ने कहा कि विश्वविद्यालय की पहचान वहां पर चल रहे शोध कार्यों से होती है इसलिए पीएचडी तथा एमफिल की शोध समस्या का चयन शैक्षिक जगत के साथ-साथ समाज हित को ध्यान में रखकर भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सामाजिक शोध द्वारा प्राप्त परिणामों को पॉलिसीमेकर्स के साथ साँझा करना चाहिए ताकि शैक्षिक शोध को एक्शन रिसर्च के अंदर तब्दील किया जा सके और शोध परिणामों को समाज हित में लागू किया जा सके। कुलपति ने कहा कि यूजीसी द्वारा चलाए जा रहे स्वयं तथा मूकपाठ्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रत्येक डिपार्टमेंट के अंदर समन्वयक बनाया जाएगा और यह कोआॅर्डिनेटर विद्यार्थियों की काउंसलिंग व मार्गदर्शन करेंगे ताकि विद्यार्थी यूजीसी के इन पाठ्यक्रमों का फायदा उठा सकें। शहर के पत्रकारों तथा वकीलों ने आज विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के आसपास के क्षेत्रों में ‘कदम’ के पौधों का रोपण किया।

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