रिजल्ट: सीबीएसई ने बनाया 12वीं कक्षा के रिजल्ट का फॉर्मूला, 3 साल के औसत पर मिलेंगे अंक
सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। सीबीएसई की 13 सदस्य कमेटी ने जैसे ही गुरुवार को बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम तैयार करने के फार्मूले की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की तो बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम की स्थिति एक बार तो स्पष्ट हो गई लेकिन इस फार्मूले के छुपे हुए पहलुओं के बारे में तभी पता चल पाएगा जब सीबीएसई अपने संबंधित विद्यालयों के पास विस्तृत नीति बनाकर भेजेगा। दूसरी तरफ दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी करने की पॉलिसी में अभी भी संबंधित स्कूल उलझे हुए हैं।
हालांकि सीबीएसई ने एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाकर रिजल्ट अपलोड करने के लिए स्कूलों को अधिकृत किया है। लेकिन इसके बावजूद भी नियमों के मुताबिक स्कूल चाह कर भी बच्चों के अंक अपलोड नहीं कर पा रहे। वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार जो विद्यार्थी वर्तमान में 12वीं कक्षा में है, उन्हीं के 10वीं,11वीं व 12वीं कक्षा के अंकों को आधार बनाकर ही परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा, लेकिन दसवीं कक्षा का फार्मूला इससे बिल्कुल अलग बनाया गया है।
रेफरेंस ईयर के औसतन अंकों से अधिक अंक नहीं दे सकते स्कूल सीबीएसई मुख्यालय द्वारा संबंधित स्कूलों में दसवीं का परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए भेजी गई पॉलिसी के अनुसार 40 फीसदी वेटेज प्री बोर्ड एग्जाम,30 फीसदी वेटेज मिड टर्म एग्जाम,10फीसदी वेटेज यूनिट टेस्ट व 20 फीसदी अंक इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर दिए जाने की बात कही गई है। साथ ही अंक निर्धारण के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर पर संबंधित स्कूल का पिछले 3 वर्षों का दसवीं कक्षा का ही हिस्टोरिकल डाटा व इन 3 वर्षों में से सबसे बेस्ट रिजल्ट को रेफरेंस ईयर दर्शाया गया है। रेफरेंस ईयर में विद्यार्थियों को औसतन रूप से कितने अंक मिले हैं इतने ही अंक संबंधित स्कूलों को वर्तमान में भी अपलोड करने होंगे।
97 फीसदी स्कूल अपलोड नहीं कर पाए रिजल्ट
परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए पूरी तरह से स्कूलों को ही अधिकृत किया गया है, लेकिन सीबीएससी कार्यालय से भेजा गया प्रोफॉर्मा आॅनलाइन सॉफ्टवेयर से अलग होने के कारण परीक्षा परिणाम अपलोड नहीं हो पा रहा है। खास बात यह है कि दसवीं का परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन भी करना होगा। इसमें संबंधित स्कूल के 5 शिक्षक व किसी अन्य स्कूल के 2 शिक्षक शामिल है।
स्कूल का प्रधानाचार्य इस कमेटी का चेयरपर्सन माना जाएगा। अभी तक पंचकूला रीजन जिसमें हरियाणा में हिमाचल प्रदेश के सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूल शामिल है के 97 फीसदी स्कूल अभी तक भी अपना परीक्षा परिणाम बनाकर अपलोड नहीं कर पाए हैं। चिंता की बात यह है कि पंचकूला रीजन के रीजनल आॅफिसर विजय यादव 15 जून को इस संबंध में हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ आॅनलाइन मीटिंग का आयोजन भी कर चुके हैं। तब भी सीबीएसई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने उनके समक्ष भी आपत्ति दर्ज करवाई थी।
बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम के फार्मूले से हम सहमत हैं। लेकिन दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम के लिए 3 वर्षों के एक रिफ्रेंस ईयर औसत के आधार पर शिक्षा परिणाम देना उन विद्यार्थियों के साथ न्याय संगत नहीं होगा जो उत्साहित होकर पढ़े हैं। यदि ऐसा हुआ तो आंकलन और मूल्यांकन की परिभाषा पर यह परीक्षा परिणाम खरा नहीं उतरेगा।
सिमरन मेहता, प्राचार्या, डीपीएस, डाटा (हिसार)
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