झुकी सरकार, सारी मांगे मानी
जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर मंगलवार को राजपूत समाज नेता व सरकार के बीच वार्ता हुई। इस वार्ता में बड़ी बात निकलकर सामने आई। सूत्रों के अनुसार जानकारी आई है कि आखिरकार सरकार ने वो सारी मांगे मान ली है जिसको लेकर इतने दिनों से पूरे राजस्थान में बवाल मचा हुआ था। जी हा! बात दें कि सरकार और राजपूत समाज की यह वार्ता सफल हुई है। इस वार्ता में सरकार ने आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच सहित अन्य सभी मांगों को मान लिया गया है। साथ ही साथ बता दें कि 12 जुलाई को सांवराद में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा के दौरान हुई हिंसा में मारे गए मालासर के राजपूत की भी सीबीआई जांच करवाने में सरकार मान गई है। उसकी भी अब सीबीआई जांच होगी।
24 जून से पूरे राजस्थान में राजपूत का आंदोलन चल रहा था, लेकिन वो आनंदोलन मंगलवार को खत्म हो गया है। राजपूत समाज व सरकार के बीच सभी मांगों को लेकर सहमति बन गई है। इस वार्ता में सरकार से गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ आदि तथा राजपुत समाज की तरफ से गिरीराज सिंह लोटवाड़ा, लोकेन्द्र सिंह कालवी, महावीर सिंह सरवड़ी, रणजीत सिंह, यशवर्धन सिंह शामिल होंगे।
क्या था मामला
बता दें कि 24 जून की रात को मालासर स्थित श्रवण सिंह की ढ़ाणी में आनंदपाल सिंह का पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर दिया गया था। लेकिन इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए आनंदपाल के परिजनों ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग व आनंदपाल की बेटी चीनू पर लगे आरोपों से बरी करने, कुर्क की गई संपति को वापिस करने, आनंदपाल के जीजा को बरी करने आदि कई मांगों को लेकर अड़े हुए थे। इन सभी मांगों को लेकर आनंदपाल के शव का 19 दिनों तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया था।
उसके बाद मानवाधिकारी ने आनंदपाल के परिजनों को नोटिस दिया था जिसमें बताया गया था कि अगर 24 घंटे के अंदर शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो पुलिस द्वारा कर दिया जाएगा। लेकिन आनंदपाल के परिजनों ने इस पर सहमति नहीं जताई और अपनी मांगों पर अड़े रहे। लेकिन सरकार ने 13 जुलाई की शाम का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
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