संपादकीय : लोगों के हाथ में है तीसरी लहर आने दें या नहीं
पूरा विश्व एक अनिश्चितता के माहौल से गुजर रहा है। कुछ देशों में टीकाकरण तेजी से हो रहा है, तो कुछ देशों में ऐसे अभियान के बीच में ही कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की चुनौती सामने आ गई। भारत में टीकाकरण हो रहा है और इस मामले में बहुत सारा काम अभी बाकी है।...
बाढ़ जैसी समस्याओं का जनक है प्लास्टिक कचरा
-योगेश कुमार गोयल
पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञ
पूरी दुनिया में प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। इसीलिए इसका उपयोग सीमित करने और कई प्रकार के प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मांग उठती रही है। भारत में भी ऐसी ही मांग निरन्तर होती रही है...
दु:खों से घिरी बहन को पूज्य गुरु जी ने बख्शा खुशहाल जीवन
सतगुरु की रजा, रमज और रहमत की कोई सीमा नहीं होती और न ही इसे कोई समझ सकता है। उनका हर कर्म सृष्टि के भले के लिए होता है। वे अपने बच्चों के भारी कर्मों को काटकर उनके जीवन को खुशियों से महका देते हैं। आज की साखी ऐसे ही जीवन के सत्य अनुभव पर आधारित है।
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संपादकीय : बेजुबान पशु-पक्षियों को भी है, जीने का अधिकार
मॉनसून की लुका-छिपी के बीच झुलसा देने वाली भीषण गर्मी के कहर से न केवल इंसान बल्कि पशु और पक्षी भी बेदम हो रहे हैं। पशु-पक्षी पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं। गर्मी ने पशु-पक्षियों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। तेजी से कम होते प्राकृतिक ज...
चीन की एक और शरारत
वास्तव में नियंत्रण रेखा से सैनिक हटाने के समझौते के बावजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में दाखिल होकर एक बार फिर सीमावर्ती विवाद को गर्मा दिया है। यह घटना तिब्बत से निर्वासित धार्मिक नेता दलाईलामा, जो भारत में मौजूद हैं, के जन्मदिन पर घटित हुई। इ...
टीके का अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था की मजबूती
कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था को इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह झटके सहने पड़े। अर्थव्यवस्था की गति अबाधित रहे,इसके लिए टीकाकरण ही एकमात्र रास्ता है। इस वर्ष के बजट में कोविड टीकाकरण अभियान को 35 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अप्रैल 2020 में लगे बेहद ...
जब पुलिस अफसरों के कर्मों का भार साईं जी ने अपने शरीर पर लिया
संतों का जीवन परहित को समर्पित होता है। सच्चा गुरू, किसी जीव को नामदान देकर उसे अपना शिष्य बनाने से पूर्व उसके बुरे कर्मों को नष्ट करता है और उसकी सारी बलाएं (कष्ट) खुद के शरीर पर ले लेता है। ऐसे ही एक प्रत्यक्ष नजारे का जिक्र करते हुए गांव कंवरपुरा ...
अफगानिस्तान में भारत की चिंता
अमेरिका सेना की वापिसी के बाद देश के 85 प्रतिशत हिस्से पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। 20 साल की अधूरी लड़ाई के बाद अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है और यह वापसी अगस्त महीने तक पूरी हो जाएगी। अमेरिका ने इसके लिए 11 सितंबर की आखिरी डेडलाइन तय की...
आवश्यक है कश्मीरियों का दिल जीतना
केन्द्र सरकार की कश्मीरी नेताओं के साथ मीटिंग के बाद जिस तरह चुनाव आयोग ने आगामी वर्ष राज्य में चुनाव करवाने का खुलासा किया है उससे यह बिल्कुल साफ हो गया है कि केन्द्र सरकार ने राज्य संबंधी पूरी योजना तैयार कर ली है, इसे पड़ाव अनुसार लागू किया जा रहा ...
जब भूखे का सहारा बने ईश्वर चंद विद्यासागर
स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म आज ही के दिन 26 सितंबर, 1820 को मेदिनीपुर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ठाकुरदास बंद्योपाध्याय एवं माता का नाम भगवती देवी था। वे एक दार्शनिक, अकादमिक शिक्षक, लेखक, अनुवादक, समाज सुधार...
स्वास्थ्य प्रबंध बनाम कैबिनेट विस्तार
विगत सात वर्षों में केंद्र की एनडीए सरकार में पहली बार कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री सहित सरकार के स्तंभ कहे जाने वाले तीन मंत्रियों की छुट्टी की गई। यह पहली बार है जब स्वास्थ्य क्षेत्र में इतना बड़ा निर्णय लिया गया है। कोरोना...
पानी बेशकीमती है, इसे सहेजना होगा
पानी की कमी का संकट केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों की एक विकट समस्या बन चुका है। इसी बीच चिंता की एक खबर पाकिस्तान से आई है, जहां पानी की गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसकी वजह से उसका सिंध प्रांत अकाल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। सिंध ...
कोरोना के बावजूद लापरवाही जारी
देश के वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं, ऐसे में हिमाचल प्रदेश सहित अन्य पहाड़ी प्रदेशों में सैलानियों की भारी भीड़ जुट गई है। शिमला में तो इतनी भीड़ है कि वहां पीने को पानी भी नहीं मिल रहा। ट्रैफिक की समस्या तो विकराल है। मैदानी राज्य...
सिर्फ शोर-शराबा ही विरोध नहीं
गत दिवस महाराष्ट्र विधान सभा में हुए हंगामे के बाद भाजपा के 12 विधायकों को एक वर्ष के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। सभी विधायकों पर स्पीकर का अपमान करने का आरोप लगा है। यह निर्णय आश्चर्यचकित व चिंताजनक है। गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने भी संसद और विधान ...
घमंड कभी न करने का ज्ञान
तो बात उस समय की है, जब स्वामी विवेकानंद अपने लोकप्रिय शिकागो धर्म सम्मेलन के भाषण के बाद भारत वापस आ गये थे। अब उनकी चर्चा विश्व के हर देश में हो रही थी। सब लोग उन्हें जानने लगे थे।
स्वामी जी भारत वापस आकर अपने स्वभाव अनुरूप भ्रमण कर रहे थे। इस समय...