बंजर होती भूमि गंभीर संकट का संकेत
सेंटर फॉर साइंस एण्ड एनवायरमेंट की हालिया रिपोर्ट बेहद चेताने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में उपजाऊ भूमि निरंतर कम होती जा रही है वहीं बंजर भूमि का दायरा बढ़ता जा रहा है। इससे पहले 2017 में वार्षिक रिपोर्ट में 32 फीसदी भूमि के बंजर होने की चेतावनी...
जीवन के लिए आक्सीजन से ज्यादा जरूरी है ओजोन
दुनिया में हर मनुष्य सुख और आनन्द का जीवन जीना चाहता है। यह प्रकृति का विधान है। मगर मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ पृथ्वी पर विचरण करने वाले प्राणी सुख के साथ दु:ख के भी शिकार हुए है। कहीं रोटी, कपडा और मकान का संकट आ खड़ा हुआ तो कहीं मानव जनित समस्...
मुद्दों पर पर्दा डालने के बजाय ‘मंदी पर अक्लमंदी’ दिखाए सरकार
जम्मू-कश्मीर में आखिर क्यों नहीं जाने दिया आप लोगों को?
यही सवाल हम केंद्र सरकार से कर रहे हैं। आखिर हमें क्यों रोका गया। मैं आपको बता दूं, सरकार द्वारा जो दिखाया, बताया और जो सुनाया जा रहा है, तस्वीर उसके बिल्कुल अलग है। ठीक है, हम केंद्...
बेजुबानों के लिये काल बनता प्लास्टिक
किसी जमाने में लोगों की सुविधा के लिए ईजाद किया गया पॉलीथीन आज मानव जाति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा क्षमता को खत्म तो कर ही रहा है साथ ही भूजल स्तर को भी घटा रहा है। वास्तव में प्लास्टिक पर्यावरण के लिए स...
समाज में हिंदी के लिए चेतना जगानी होगी
हिंदी के पिछड़ने के कई कारण हैं। बिंदुवार करके बात करें तो बहस बहुत लंबी हो जाएगी। लेकिन एकाध मुख्य कारकों पर फोकस कर सकते हैं। दरअसल, कठिन परिस्थितियों और सामाजिक ताने-बाने के वातावरण से प्रभाव ग्रहणकर परिर्वतन को न स्वीकार करने वाली भाषा अक्सर अक्षम...
मोटर व्हीकल एक्ट से बढ़ता विवाद
मोटर व्हीकल एक्ट इन दिनों केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 1988 के मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ नए प्रावधानों को जोड़ा है। जिसमें लाइसेंसिंग सिस्टम में सुधार, तकनीकी का प्रयोग, दुर्घटना में घायलों की मदद करने व...
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार की उठती आवाज
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक यक्ष प्रश्न रहा है। अब यह देखने में आ रहा है कि न्यायपालिका के अंदर से ही भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए आवाज उठ रही है। जब न्यायपालिका के अंदर से ही भ्रष्टाचार की आवाज उठेगी तब यह उम्मीद की जा सकती है कि आम लोगों को आसानी ...
अब कश्मीर में बहेगी विकास की बयार
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद एक माह बीत चुका है। हालात सामान्य हो रहे हैं और अराजक भी हैं। संचार व्यवस्था बहाल हुई है, लेकिन इंटरनेट पर अब भी पाबंदियां हैं। घाटी में मोबाइल फोन अभी भी चंप हैं। विपक्ष के कई नेता और अलगाववादी चेहरे ...
भीड़ द्वारा हत्या निवारण कानून-अनावश्यक ?
पश्चिम बंगाल सरकार ने विधान सभा में भीड़ द्वारा हत्या निवारण विधेयक पारित करवाकर भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या को तीन वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा करने का प्रावधान किया है। इस विधेयक में किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के लिए आजीवन सजा और किसी की मृत्यु ह...
बुनियादी शिक्षा की जमीनी सच्चाई
भारत में प्रारंभिक शिक्षा पर हर साल करोड़ों अरबों रुपए की अथाह धनराशि खर्च करने के बावजूद बच्चों में पढ़ने-लिखने के कौशल क्यों नहीं आ पा रहे हैं, इस पर गंभीरता से मंथन करने की जरुरत है। देश में बुनियादी शिक्षा को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। अनेक...
खेल के मैदान में देश का गौरव बढ़ाती बेटियां
दंगल फिल्म का मशहूर डॉयलाग- म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के...ह्य तो आपको याद ही होगा। वास्तव में आज हमारी बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। जीवन के हर क्षेत्र में बेटियां नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। खेल के मैदान में बेटियां नि...
नक्सलवाद: लाल रंग में हरा मिलाने का प्रयास
नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक गृहमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक से पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने आप को अलग रखा। नक्सलवाद की समस्या आज हमारे देश में आंतरिक सुरक्षा की एक बड़ी ...
मुस्लिम देशों के लिए भी ‘जाकिर’ भस्मासुर साबित होगा
जाकिर नाइक एक भस्मासुर है, इसका अहसास मलेशिया को भी अब हो रहा है। जाकिर नाइक ने एक भगोडा होते हुए भी मलेशिया में हिन्दुओं और चीनियों के खिलाफ न केवल विषवमन किया बल्कि हिन्दुओं और चीनियों को खदेडने और उनके सर्वनाश करने, जमींदोज करने का फरमान भी सुना द...
पर्यावरण बचाने के लिए ग्रेटा की ग्रेट मुहिम
16साल की स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा अर्नमैन थनबर्ग का नाम आजकल पूरी दुनिया में चर्चा में है। चर्चा की वजह, पर्यावरण को लेकर उसकी विश्वव्यापी मुहिम है। अच्छी बात यह है कि जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करने के लिए, ग्र...
लुढ़कती भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकार के प्रयास
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है। अर्थव्यवस्था का हर क्षेत्र मांग की कमी से प्रभावित है। उद्योगों के बहुत से सेक्टर में विकास दर कई सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है। वर्ष 2016-17 में जीडीपी विकास दर 8.2 प्रतिशत थी,जो 2017-18 में घट...