पहले नंबर पर बनिया, दूसरे नंबर पर पंजाबी व तीसरे नंबर पर ब्राह्मणों को हृदय रोग
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। देश में पहली बार हृदय घात को लेकर किए गए जातिगत सर्वे में पता चला है कि हृदय रोगियों में सर्वाधिक संख्या बनिया समुदाय के लोगों की है। इस सर्वे में दूसरे नंबर पर पंजाबी और तीसरे पर ब्राह्मण हैं। इसका मुख्य कारण इन समुदाय लोगों का लाइफ स्टाइल है। एक स्टडी के आधार पर यह दावा फोर्टिस मैमोरियल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष पद्म भूषण सम्मानित डॉ. टीएस कलेर ने किया।
सच कहूँ संवाददाता से विशेष बातचीत
सच कहूँ संवाददाता से विशेष बातचीत में डॉ. कलेर ने बताया कि भारत में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक दिल का दौरा है। कोरोनरी धमनी की बीमारी दिल का दौरा पड़ने का कारण बनती है। समुदाय और जातीयता के विश्लेषण में बनिया समुदाय के बीच सीएडी की व्यापकता सबसे अधिक पायी गयी है। अपने 32 वर्ष के अनुभव के आधार पर उन्होंने बताया कि इस समुदाय के बहुत कम लोग धूम्रपान व शराब आदि का इस्तेमाल करते हैं। इसके उलट इस समुदाय के लोगों में मीठा खाने की आदत, तला-भूना खाने की आदत तथा ज्यादा समय तक बैठे रहना हार्ट अटैक का मुख्य कारण माना गया है।
हृदय रोगियों में 33 फीसदी लोग बनिया समाज से
डॉ. कलेर ने करीब बीस हजार लोगों पर की गई स्टडी के आधार पर बताया कि दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब व उत्तर भारत में कोरोनरी धमनी की बीमारी के 33 फीसदी मरीज बनिया समुदाय (अग्रवाल, जैन, गुप्ता) आदि शामिल हैं। इस मामले में 20 फीसदी रोगियों के साथ दूसरे नंबर पर पंजाबी समुदाय के लोग आते हैं। पंजाबियों में खान-पान के अलावा शराब का सेवन तथा धूम्रपान के अलावा नियमित व्यायाम न करना भी मुख्य कारण है।
इसके अलावा ब्राह्मण 15 प्रतिशत किसान तथा मुस्लिम दस-दस प्रतिशत इस बीमारी के रोगी पाए गए हैं। डॉ. कलेर ने कहा कि बनिया समुदाय में सीएडी, एनजाइना और दिल के दौरे का प्रचलन सबसे अधिक देखा गया है। यह उनकी गतिहीन जीवन-शैली के कारण हो सकता है।
भारत में हृदय रोग से चार में से एक मौत का कारण
डॉक्टर टीएस कलेर के अनुसार कोरोनरी हृदय रोग, जो दिल के दौरे का कारण बनता है, भारत में हृदय रोग से चार में से एक मौत का कारण है। यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि किसी व्यक्ति का व्यवसाय और जीवनशैली उसके दिल के दौरे से पीड़ित होने की संभावना पर सीधा प्रभाव डालता है। उन्होंने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के मुख्य कारण धूम्रपान, व्यायाम की कमी, गतिहीन जीवन शैली, भारी शराब का सेवन, तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल के अलावा बीमारी को लेकर परिवारिक इतिहास भी मुख्य कारण हो सकता है।
किसानों के बढ़ रहे पेट, लोगों का कंट्रोल नहीं वेट
कलेर ने किसानों में इस बीमारी पर भी जानकारी सांझा की। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक जैसी बीमारियों में पेट और वेट का बड़ा महत्व है। पहले किसान वर्ग को सबसे मेहनती माना जाता था। जिस कारण किसानों में बीमारियों के चांस बेहद कम होते थे। लेकिन पिछले कुछ समय से किसानों द्वारा खेतों में खुद काम करने की बजाए लेबर के माध्यम से काम करवाया जा रहा है। किसानों के बच्चों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। जिस कारण सामान्य लोगों की तरह अब किसानों के भी पेट और वेट बढ़ने लगे हैं।
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