मामला : कोराना दौर में मरीजों के साथ बढ़ रहे लापरवाही के मामलों को प्रमुख से उठाया

Case: Negligence cases with corona patients raised prominently

सच कहूँ में प्रकाशित खबर को लोगों ने सीएम, पीएम तक पहुंचाया

  • ट्वीट करके गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग की हालत सुधारने को कहा
संजय मेहरा/सच कहूँगुरुग्राम। जिस शहर में थ्री स्टार से लेकर फाइव स्टार अस्पतालों की बाढ़ हो और उस जिले का सरकारी अस्पताल लापरवाही पर लापरवाही करके लोगों के जीवन से खिलवाड़ करता रहे तो सवाल उठने लाजिमी हैं। यहां ऐसा ही एक मामला आया, जिसमें मरीज की कोरोना सेंपल रिपोर्ट आई तक नहीं थी और उसे आईसोलेशन सेंटर भेजा जा रहा था। सच कहूँ ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो आम और खास लोगों ने खबर को वायरल करके मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, जिला प्रशासन तक पहुंचाया।
कोरोना पॉजिटिव मरीज की जगह दूसरे को कर रहे थे आईसोलेट।’ इस शीर्षक से सोमवार 25 मई 2020 के सच कहूँ के अंक में खबर प्रकाशित हुई। इस खबर को सामाजिक संस्थाओं, कुछ जिम्मेदार लोगों ने भी अपने ट्वीटर हैंडल, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खूब वायरल किया। साथ ही जिला के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार सैनी (राज सैनी बिसरवाल) ने अपने ट्वीट में लिखा कि बढ़ते मरीजों के साथ बढ़ रहे हैं लापरवाही के मामले, कृपया प्रशासन ध्यान दे। उन्होंने इस खबर को गुरुग्राम के डीसी, मेरा गुडगांव संस्था, गुरुग्राम एक्टिव, राज के. वर्मा समेत प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्वीटर अकाउंट पर ट्वीट किया। शिव सेना के रितु राज ने खबर को फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा कि-इसपे सवाल करने पर हम देशद्रोही गद्दार हैं। चलिए कोई नहीं शायद यहां रहते लोग और पीड़ित लोग भी यही होंगे या जमाती होंगे। एक आवाज संस्था ने फेसबुक पर खबर शेयर करके लिखा है कि-गुरुग्राम में बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमित को लेकर लापरवाही के मामले। कोरोना पॉजिटिव की जगह बिना रिपोर्ट आए व्यक्ति को कर रहे आईसोलेट। इनके अलावा भी बहुत लोगों को खबर को ट्वीट, शेयर किया है। फेसबुक, ट्वीटर पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लिया है।

ईएसआईसी की समस्याएं भी अनदेखी

यहां सेक्टर-9 ईएसआईसी में बनाए गए आईसोलेशन सेंटर में भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिली। यहां भर्ती होने वाले मेडिकल स्टाफ को खुद ही एक-दूसरे के सेंपल लेने पड़े हैं। यहां पर भर्ती उत्तराखंड की स्टाफ नर्सों ने ट्वीटर पर पीएम, सीएम को शिकायत दी। उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से यहां की व्यवस्था पर सवाल किए। अधिकारियों की ओर से सीएम से यह कहलवा दिया गया यहां सब ठीक है। सरकार को चाहिए कि एक बार यहां के चिकित्सा विभाग और आइसोलेशन सेंटर की जांच तो कराए। एक स्टाफ नर्स की वीडियो वायरल होने पर तो खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उसने बात की थी और सब ठीक करने का भरोसा दिया था। लेकिन वहां पर कुछ ठीक नहीं हुआ। अन्य अस्पतालों के यहां भर्ती स्टाफ ने भी समस्याओं को उठाया था।

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