मामला : हरियाणा और राजस्थान में पैदा हुआ जमीनी विवाद

Case land dispute arose in Haryana and Rajasthan

रेवाड़ी के जमीनी टुकड़े पर राजस्थान ने ठोका दावा

सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। पिछले कई दशकों से देश के अंदर और बाहर जमीन की मलकीयत को लेकर लगातार विवाद चल रहे हैं। मसलन जमीनी विवाद के चलते पाकिस्तान, चीन और अब नेपाल, तीनों पड़ोसी देशों ने न तो खुद से चैन की नींद ली और न ही भारत देश को लेने दी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये विवाद केवल दूसरे देशों के साथ सरहदों पर ही नहीं बल्कि देश के अंदर भी जारी हैं। जमीनी मलकीयत को लेकर ताजा विवाद हरियाणा और राजस्थान के बीच शुरू हो गया है, जहां हरियाणा के रेवाड़ी के गांव टांकड़ी की पंचायती जमीन पर राजस्थान ने अपना दावा ठोक दिया है। पिछले कुछ दिनों से जारी इस खींचतान ने अब विवाद का रूप ले लिया है।
कांग्रेस सरकार में बांटे गए प्लाटों वाले एरिया पर अलवर जिले ने जताया हक
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व की कांग्रेस सरकार ने एक योजना के तहत टांकड़ी पंचायत की तरफ से 115 बीपीएल परिवारों के लिए 100-100 वर्ग गज के प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई थी, लेकिन इन प्लॉट्स पर कब्जा नहीं लिया गया था। जब पंचायत ने इन प्लॉट्स पर कब्जा लेने की कोशिश की तो राजस्थान के अलवर जिले की कांकर पंचायत ने उस जमीन पर अपना दावा ठोक दिया। हालांकि, कांकर पंचायत ने केवल 200 मीटर की जमीन पर ही अपना दावा ठोका है। वहीं, टांकड़ी पंचायत ने राजस्थान की पंचायत के दावे को गलत बताया है। पंचायत का कहना है कि उसने इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करा दिया है। उनकी पैमाइश को ही सही माना जाएगा।
राजस्थान की ओर से आई ये शिकायत
बता दें कि टांकड़ी पंचायत ने साल 2011 में 3 एकड़ जमीन को बीपीएल प्लॉटों के लिए रिजर्व किया था और यह जमीन राजस्थान सीमा पर पहाड़ के पास है। पंचायत ने इस जमीन पर 115 परिवारों के प्लाटों की रजिस्ट्री भी करा दी। पहाड़ के नजदीक जमीन होने और सीमा से सटी होने के कारण जब कुछ परिवारों ने जमीन की सफाई शुरू की तो राजस्थान के अलवर जिले की कांकर पंचायत ने अपने अधिकारियों को शिकायत कर दी। शिकायत में कहा कि हरियाणा की पंचायत की तरफ से 200 मीटर उनकी जमीन की सफाई करके डी-मार्केशन कर दी गई है।
उच्चाधिकारी देख रहे मामले को
वहीं जानकारी मिली है कि अलवर जिले के अधिकारियों द्वारा मामला उठाए जाने के बाद यह मीडिया की सुर्खियां बनने लगा है, जिस कारण उच्चाधिकारी अब इस मसले पर नोटिस ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बातचीत और पैमाइश करके यह मामला सुलझा लिया जाएगा।

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