राहुल से मिले कैप्टन, तय होगा राणा गुरजीत का भविष्य

कैबिनेट में विस्तार करने पर भी हुई चर्चा

चंडीगढ़/नई दिल्ली (एजेंसी)। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और अपने मंत्रिमंडल के विस्तार तथा राज्य के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ लगे बेनामी लेनदेन के आरोपों के बारे में चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को इस मामले में शुरू की गई न्यायिक जांच के बारे जानकारी दी। सिंचाई और ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने हाल ही में हुई नीलामी में अपनी कंपनी के कर्मचारियों के माध्यम से रेत की खानों की निविदा हासिल की।

नारंग पर सवाल उठाना गलत

मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सुखपाल खैरा द्वारा इस मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे एस नारंग की ईमानदारी पर उठाए गए सवाल को खारिज कर दिया। मीडिया के एक वर्ग ने गुरजीत सिंह के खिलाफ बेनामी लेनदेन के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायिक जांच की रिपोर्ट आने दीजिए। बिना किसी प्रमाण के हमें मंत्री पर आरोप नहीं लगाना चाहिए।’’

एक महीने बाद हुई मुलाकात

उन्होंने सुखपाल खैहरा की इस दलील को खारिज कर दिया कि न्यायमूर्ति नारंग को इस जांच से खुद को अलग कर लेना चाहिए क्योंकि उनके बेटे राणा गुरजीत सिंह के रिश्तेदारों के लिए कुछ मामले में वकील के रुप में पेश हुए थे। राहुल गांधी के साथ अपनी इस मुलाकात को ‘नियमित’ बताते हुए अमरिंदर ने कहा कि हमें मिले हुए एक महीने से अधिक हो गया था और इसलिए आज हमने मुलाकात की।

बजट सत्र के बाद होगा मंत्रीमंडल विस्तार ?

दोनों नेताओं ने पंजाब के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा की जिसके राज्य विधानसभा के बजट सत्र के बाद होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय आने पर कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा और जब यह होगा तब मीडिया को सूचित कर दिया जाएगा।

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