हजारों लोगों सहित कई वीआईपी उमड़े
- राजमाता नमित अंतिम अरदास: पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने की शिरकत
पटियाला (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के माता राजमाता महिन्द्र कौर के भोग की रस्म के अवसर पर दिवंगत आत्मा की अरदास के लिए रविवार दोपहर न्यू मोती बाग पैलेसे में हजारों लोगों ने श्रद्धा के फूल भेंट करने के लिए एकत्रित हुए। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व पंजाब उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति राजमाता की अंतिम अरदास में कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके परिवार के साथ शामिल हुए।
एक युग का हुआ अंत
राजमाता जो कि प्रसिद्ध शख्सियत होने के इलावा पूर्व सांसद तथा अपने जीवन के अंतिम सांसों तक परउपकारी कार्यों को समर्पित रहे, की याद में धार्मिक नेताओं ने शब्द कीर्तन किया। समागम दौरान पटियाला राजमाता घराने के सदस्यों ने कहा कि राजमाता के चले जाने से एक युग का अंत हो गया है। समाज के विभिन्न वर्गों वर्गो के भले के लिए दिए गए योगदान को याद करते हुए राजमाता के पारिवारिक व परिजनों ने उन्हे प्रेरणामयी शख्सियत बताया जिनके द्वारा दबे कुचले वर्गो की भलाई के लिए डाला योगदान सदैव यादों में बसा रहेगा।
सुखपाल खैहरा, गुलाम नबी व बादल ने दी श्रद्धांजलि
राज्यसभा में विरोधी पक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राजमाता को बहु पक्षीय शख्सियत करार दिया जिन्होने राज्य सभा और लोक सभा सदस्य के रूप में सरगर्म सियासी जीवन की बागडोर संभाली थी। उन्होंने कहा कि औरतों के लिए अधिकार व समाज के गरीब वर्गो को सहारा देने के लिए डाला मिसाली योगदान मौजूदा समय के नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। राजमाता को श्रद्धा के फूल भेंट करते सुखबीर बादल ने कहा कि वह एक नेक आत्मा थे और समाज के प्रत्येक वर्ग विशेषकर के गरीब से भी गरीब वर्ग की सेवा के लिए उनकी दृढ़ वचनबद्धता, श्रद्धा व समर्पण भावना को याद किया। खैहरा ने कहा कि मां की मौत के साथ पैदा हुई क्षति पूरी नहीं की जा सकती क्योंकि कोई भी अन्य व्यक्ति इस रिश्ते का बदल नहीं बन सकता।
कैप्टन ने किया धन्यवाद
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख की इस घड़ी में शामिल हुए लोगों का धन्यवाद करते कहा कि राजमाता का निधन ना केवल उनके परिवार के लिए निजी घाटा है बल्कि क्षेत्र और यहां के लोगों के लिए भी बड़ा घाटा है जिनके साथ उनकी माता की जज्बाती सांझ थी। राजमाता ने देश के विभाजन उपरांत बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सरगर्म भूमिका निभाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने के प्रति उनका उत्साह सदैव याद रहेगा।
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