चंडीगढ़ (सच कहूँ डेस्क)। पंजाब की सियासत में नया मोड आ सकता है। कल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने साफ कर दिया था कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे और वह कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस को एक डूबता जहाज बताया और कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कोई सुनवाई नहीं है, उनकी पूरी तरह से उपेक्षा की जा रही है। इस बीच आज खबर निकल कर आ रही है कि जल्द ही कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपनी नई पार्टी बना सकते हैं और वह जल्द ही इसका ऐलान कर सकते हैं। आपको बता दें कि बुधवार को अमित शाह से मुलाकात की थी, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
भाजपा में शामिल होने से क्यों कतरा रहे हैं कैप्टन
पंजाब कांग्रेस में पिछले कई दिनों से ड्रामा चल रहा है विपक्ष इस पर अपनी निगाहें टिकाए बैठा है। जब कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था तभी मीडिया पर कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन भाजपा में शामिल हो सकते हैं लेकिन राजनीति पंड़ितो के अनुसार, कैप्टन भाजपा में शामिल नहीं होंगे, उसकी वजह साफ यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान धरने प्रदर्शन पर बैठे हुए है।
किसान केन्द्र सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जता चुके हैं, किसान तीन नए कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार बातचीत का रास्ता ढूंढ रही है। यही वजह है कि कैप्टन भाजपा में शामिल होने से कतरा रहे हैं। कैप्टन एक सुलझे हुए राजनेता है और वह समझते हैं कि इस समय भाजपा में शामिल होना, किसानों को नाराज करना है। यही वजह है कि कैप्टन भाजपा में शामिल नहीं होंगे और जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं।
सिद्धू जहां से भी चुनाव लड़ेंगे, मैं उनके खिलाफ प्रचार करूंगा
उल्लेखनीय है कि कैप्टन सिंह ने गत बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि इस दौरान किसानों के मुद्दों और राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बन्धी मामलों पर उनकी शाह से बात हुई। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कहा ‘वह सिर्फ मजमा लगा सकता है। उसे यह कतई नहीं पता कि टीम को साथ लेकर कैसे चला जाता है। वह स्वयं पार्टी अध्यक्ष रहे हैं और कई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के साथ काम कर चुके हैं और हर समय समस्त मामले बिना किसी ड्रामेबाजी के आपसी बातचीत के जरिए सौहार्दपूर्ण माहौल में ही निपटाए हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू जहां से भी चुनाव लड़ेंगे वह उन्हें खिलाफ प्रचार करेंगे और उन्हें जीतने नहीं देंगे।
पंजाब सरकार की अपील पर किसानों का प्रस्तावित आंदोलन स्थगित
उधर पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा की अपील पर किसानों ने अपना प्रस्तावित आंदोलन एक माह के लिए स्थगित कर दिया है। रंधावा ने कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा के साथ किसानों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया था। बातचीत के दौरान उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया है। किसानों ने उनके आग्रह को मानते हुए अपना प्रस्तावित आंदोलन 30 अक्टूबर तक इस शर्त पर स्थगित कर दी गई है कि उक्त तारीख से पहले उनकी मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा बैठक करवाई जाए।
रंधावा ने कहा कि बहुत मामले तो कल की बैठक में ही मौके पर हल हो गए थे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कुछ लम्बित पड़े मुद्दे जो तकनीकी या कागजी कार्यवाही के कारण रुके हुए थे, को जल्द ही हल कर लिया जाएगा और मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात भी जल्द से जल्द करवाई जाएगी। ज्ञातव्य है कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा पंजाब में 28 सितम्बर से बंद का आह्वान दिया गया था, जिसके चलते उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने कल कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी।
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