सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा
अबोहर। अबोहर में न केवल कैंसर के मरीजों का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता सामने आ रहा है बल्कि इसकी वजह से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। डॉक्टरों की माने तो वह कैंसर के कई कारण बताते है जबकि लोगों का कहना है कि इसका मुख्य कारण पीने वाला दूषित व कैमिकल युक्त पानी है। पर्यावरण नायक और समाजसेवी बलवीर सिंह सींचेवाल सोमवार को शहर की गली नंबर 2 में मनमोहन गोयल के निवास पर पहुंचे तो यहां कई कैंसर पीड़ित लोगों ने उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। मनमोहन गोयल ने समाजसेवी सींचेवाल के समक्ष इस बात का खुलासा किया उनके आसपास गलियों में भी कई लोग कैंसर से पीड़ित है जबकि उनके खुद के परिवार में कैंसर से दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि परिवार में एक सदस्य कैंसर पीड़ित है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को तो इस बात का पता ही काफी देर से चलता है जबकि कुछ लोग इस बात को बताने से भी कतराते है। उन्होंने कहा कि शहर में अगर इस बात का सर्वे करवाया जाएं तो काफी संख्या में लोग कैंसर से पीड़ित सामने आएंगे। मनमोहन गोयल ने कहा कि इसका असली कारण तो दूषित व कैमीकल युक्त व जमीनी पानी को ही कहा जा सकता है। इसके अलावा लाइन पार क्षेत्र नई आबादी के पार्षद नरेंद्र वर्मा जिनकी माता का देहांत भी कुछ दिन पहले कैंसर की वजह से ही हो गया था ने बताया कि अबोहर शहर में कैंसर के बहुत से लोग पीड़ित है व नई आबादी में मरीजों की संख्या काफी है जो कि उनके ध्यान में है व आसपास की गलियों में ही है। इतना ही इस वजह से मौतों का आंकड़ा भी काफी है। उन्होंने कहा कि बेशक लोग आरओ का पानी इस्तेमाल करते है लेकिन जमीनी पानी पीने योग्य है ही नहीं खासकर नई आबादी क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि अधिकतर आरओ संचालक जमीनी पानी को ही ट्रीट कर सप्लाई करते है जबकि नहरों में कई बार पानी दूषित व काला आना देखा गया है लेकिन हैरानी की बात है कि इस तरफ कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया व न ही पानी की जांच करवाई गई हालांकि पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पानी के अलग अलग जगहों से सैंपल लेकर जांच करवाई जाती थी जिसमें कई बार सैंपल फेल भी आते थे लेकिन अब ऐसा नही होता। उन्होंने कहा कि अब दूषित पानी सप्लाई होने की शिकायतें भी मिलती रहती है। समाजसेवी बलवीर सिंह सींचेवाल ने कहा था कि कम से कम लोग पानी की जांंच तो करवाएं जिससे इसका कारण तो पता लग सके।
सरकारी अस्पताल में कैंसर के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं, लोग जाते है बाहर
पार्षद नरेंद्र वर्मा ने कहा कि क्योंकि यहां के सरकारी अस्पताल में कैंसर के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है तो ऐसे में लोग यहां के सरकारी अस्पताल में नहीं जाते। उन्होंने बताया कि पहले अधिकतर लोग बीकानेर जाते थे लेकिन अब कुछ लोग वहां तो कुछ लोग अपनी सुविधा अनुसार अलग अलग अस्पतालों में अपना इलाज करवाते है। जिस कारण इसका पूरा आंकड़ा निकल कर सामने नहीं आता। उन्होंने बताया कि अनेक लोग इस बारे बताने से भी कतराते है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को कम से कम इस बात का सर्वे तो जरुर करवाना चाहिए ताकि कैंसर से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा सामने आ सके व उसके बाद उनके इलाज के लिए सरकार को कोई व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि अनेक लोग ऐसे भी होंगे जो इलाज करवाने में असमर्थ होंगे।
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