Canada Citizenship Law: कनाड़ा की सरकार नागरिकता से जुड़े कानून में कुछ अहम बदलाव करने जा रही हैं, कनाड़ा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने गुरुवार को पेश इस कानून के बारे में जानकारी दी हैं, बता दें कि ये कानून पहली पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में नागरिकता का विस्तार करता हैं। इस कानून का भारत समेत कई देशों के आप्रवासियों ने स्वागत किया हैं। नागरिकता अधिनियम में 2009 में संशोधन किया गया था ताकि वंश के आधार पर नागरिकता में पहली पीढ़ी की सीमा जोड़ी जा सके, इसका मतलब हैं कि कनाडाई माता-पिता के कनाड़ा के बाहर पैदा हुए बच्चे को नागरिकता तभी मिलती हैं, जब उसके माता-पिता कनाड़ा में पैदा हुए हों, ऐसे में उन कनाड़ाई नागरिकों के देश से बाहर पैदा हुए बच्चों को खुद से नागरिकता नहीं मिलती थी, जो कनाड़ा के बाहर पैदा हुए थे।
TOI की रिपोर्ट के मुताबित, प्रस्तावित संशोधन पिछले साल अदालत के फैसले के मद्देनजर आया है, जिसमें पहली पीढ़ी की सीमा को असंवैधानिक माना गया था। कनाड़ा सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील नहीं करने का फैसला लिया था, इमिग्रेशन अटॉर्नी पवन ढिल्लों ने कानून को समझाते हुए कहा कि अगर A का जन्म अगर भारत में हुआ और बाद में वह कनाड़ा गया और वहां की नागरिकता हासिल कर ली, और फिर A ने भारत लौटने पर एक बच्चे B को जन्म दिया,B की मां कनाडा की नागरिक हैं, लेकिन कनाडाई सरकार पहली पीढी की सीमा नियम के तहत इस बच्चे को नागरिकता नहीं दे सकती थी, यानी पहली पीढ़ी जो विदेश में पैदा हुई थी, उसे विदेश में पैदा हुई दूसरी पीढी को वंश के आधार पर नागरिकता देने का अधिकार नहीं था।
नए कानून आने से क्या होगा बदलाव? Canada Citizenship Law
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार 2009 से विदेश में जन्मे कनाडाई लोगों के बच्चों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, नए कानून के लागू होने के बाद कनाडा के बाहर पैदा हुए लोगों के लिए एक नया पर्याप्त कनेक्शन परीक्षण बनाया जाएगा। ऐसे में जो भारतीय प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद कनाडाई नागरिक बनने के पात्र हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा, भारत का कानून दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता हैं।
आव्रजन सेवा फर्म के संस्थापक केन निकेल-लेन ने कहा कि यह कानून दुनिया भर में व्यक्तियों के एक बड़े समूह के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता हैं, विशेष रुप से भारतीय नागरिकों के लिए इसकी अहमियत ज्यादा हैं क्योंकि उनकी कनाडा में बड़ी संख्या हैं। वहीं इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना हैं कि जिन कनाडाई लोगों का कनाडा के साथ पर्याप्त संबंध हैं, वे अपने बच्चों को अपनी नागरिकता देने की क्षमता में सीमित नहीं हैं, नए कानून से कनाडा के साथ महत्वपूर्ण संबंध रखने वाले प्रवासी भारतीयों को बहुत लाभ होगा।
मंत्री मिलर ने कहा कि मौजूदा नियम आम तौर पर पहली पीढ़ी के वंश के आधार पर नागरिकता को प्रतिबंधित करते हैं, इसका परिवारों पर असर होता हैं और यह उनके जीवन को प्रभावित करता हैं, ऐसे में इस बदलाव का उद्देश्य समावेशी होना और कनाडाई नागरिकता के मूल्य की रक्षा करना हैं, क्योंकि हम नागरिकता प्रक्रिया को यथासंभव निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रवासी भारतीयों की संख्या सबसे अधिक
इस कानून में संशोधन से सबसे अधिक प्रवासी भारतीय नागरिकों को होगा, क्योंकि कनाडा में प्रवासी भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून का मकसद इस बात को सुनिश्चित करना है कि जिन कनाडाई लोगों का कनाडा के साथ संबंध हैं, उन्हें यहां की नागरिकता मिल पाए।