Income Tax Saving Tips: क्या पत्नी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने से बच सकता है टैक्स? कुछ लोग ही जानते है इसका सही जवाब, अब आप भी जानें…

Income Tax Saving Tips
Income Tax Saving Tips: क्या पत्नी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने से बच सकता है टैक्स? कुछ लोग ही जानते है इसका सही जवाब, अब आप भी जानें...

Income Tax Saving Tips: हर कोई अपनी कमाई पर टैक्स बचाना चाहता हैं और इसके लिए कई तरीके भी हैं, लेकिन एक तरीका जो काफी चर्चाओं में रहता हैं, वो है टैक्स बचाने के लिए पत्नी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना, टैक्स बचाने के लिए लोग अलग-अलग तरीकों की तलाश में रहते हैं और पत्नी के खातें में पैसा ट्रांसफर करना उनमें से एक हैं। लेकिन क्या सच में अगर आप अपनी पत्नी के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करते है, तो आप इनकम टैक्स सेविंग कर सकते हैं? क्या पत्नी के खाते में पैसा ट्रांसफर कर टैक्स बचाना संभव हैं? क्या यह तरीका कानूनी है? क्या इसके भी फायदे और नुकसान हो सकते हैं? ये एक ऐसा सवाल जो अक्सर कई लोगों के मन में आता हैं।

दरअसल फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के आधार पर इससे जुड़े कुछ अहम सवालों का जवाब आज हम अपने इस लेख में तुम्हें बताएंगे। तो आइए जानते हैं कि नीचे बताए गए मामलों के हिसाब से कैपिटल गेन टैक्स चुकाने के लिए कौन जिम्मेदार होगा पति या फिर पत्नी?

Rajasthan Govt News: राजस्थान के इन 21 हजार परिवारों की हो गई मौज, सीएम शर्मा ने दी बड़ी सौगात

पहला सवालः- मान लीजिए कि कोई पति अपना पैसा अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करता हैं, उसकी पत्नी एक हाउसवाइफ हैं, जो पति से मिले पैसे को अपने नाम पर म्यूचुअल फंड और स्टॉक में निवेश करती हैं, या पति इस पैसे को पत्नी के अकाउंट से पत्नी के नाम पर इन एसेट में निवेश करता हैं, ऐसे में भविष्य में इन एसेट की बिक्री करने पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान कौन करेगा पति या फिर पत्नी? Income Tax Saving Tips

पहले सवाल का जवाबः- एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 64(1)(iv) में प्रावधान हैं कि अगर कोई व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी संपत्ति (जो कैश, मनी ट्रांसफर हो सकता हैं) अपने जीवनसाथी को ट्रांसफर करता हैं, तो ऐसी संपत्ति से होने वाली आय को उस व्यक्ति, (यानी कि जो पैसा ट्रांसफर करता हैं) की आय के साथ जोड दिया जाता हैं और उस पर टैक्स लगता हैं, इसे क्लबिंग प्रावधान कहा जाता हैं।

इसलिए यदि कोई पति अपनी पत्नी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करता हैं, जिसका इस्तेमाल पत्नी अपने नाम पर म्यूचुअल फंड लेने या स्टॉक में निवेश करने के लिए करती हैं, तो ऐसे स्टॉक और म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले डिविडेंट या इंटरेस्ट या कैपिटल गेन के तौर पर होने वाली इनकम को पति (यानी ट्रांसफर करने वाले) की इनकम के साथ जोड़ दिया जाएगा, इसी तरह, अगर कोई पति सीधे अपनी पत्नी के नाम पर अपना पैसा निवेश करता हैं, तो उस पर भी आईटी अधिनियम की धारा 64 के तहत क्लबिंग प्रावधान लागू होगा, और इसलिए, ऐसी एसेट से होने वाली कोई भी आय या ऐसी एसेट के ट्रांसफर के कारण होने वाले कैपिटन गेन को पति की इनकम के साथ जोड़ दिया जाएगा।

दूसरा सवालः- मान लीजिए कि कोई पति अपनी पत्नी के नाम पर एक घर खरीदता हैं (पैसा पति के अकाउंट से पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता हैं और पेमेंट पत्नी के अकाउट से किया जाता हैं) ऐसे में भविष्य में ऐसी प्रॉपर्टी को बेचने पर होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान कौन करेगा? और यह प्रॉपर्टी को बेचने पर होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान कौन करेगा? और अगर यह प्रॉपर्टी किराए पर दी जाती हैं, तो किराए से होने वाली इनकम पर टैक्स कौन करेगा?

दूसरे सवाल का जवाबः- इस मामले में, आईटी अधिनियम की धारा 27 में प्रावधान हैं कि यदि कोई व्यक्ति अपने पति या पत्नी से कोई कीमत लिए बिना उसे हाउस प्रॉपर्टी ट्रांसफर करता हैं, तो ऐसे मामले में उस प्रॉपर्टी पर किराये से होने वाली इनकम या कैपिटल गेन पर संपत्ति ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति को ही टैक्स देना होगा।

टैक्स बचाने के लिए क्या करें | Income Tax Saving Tips

  • अगर कोई शादी के पहले ही अपनी होने वाली पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी कर देता हैं, तो वो क्लबिंग ऑफ इनकम के प्रावधान के तहत नहीं आएगी।
  • अगर आप अपनी पत्नी को हर महीने खर्च के लिए पैसे देते हैं और वो उनसे सेविंग करती हैं, तो उसे भी आपकी इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा।
  • आप अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर भी टैक्स बचा सकते हैं, इनकम टैक्स के सेक्सन 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक बचा सकते हैं।
  • आप निवेश के लिए जॉइंट अकाउट भी खोल सकते हैं, बस ध्यान रखें कि प्राइमर होल्डर वो होना चाहिए, जिसकी टैक्स लायबिलिटी कम हैं, क्योंकि जॉइंट अकाउंट में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स चुकाने की लायबिलिट प्राइमरी होल्डर की बनती हैं।