हड्डियों और जोड़ों की बीमारियों की रोकथाम के लिए देश भर में चलेगा अभियान

Campaign for Bone Diseases

नयी दिल्ली। एक समय हडि्डयों और जोड़ों की बीमारियां सिर्फ उम्रदराज लोगों की परेशानियां मानी जाती थीं लेकिन बदलती जीवनशैली और तनाव के कारण इन दिनों युवक भी इन समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं। इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन ने इन समस्याओं के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर चार अगस्त को मनाए जाने वाले नेशनल बोन एंड ज्वाइंट दिवस के सिलसिले में देशभर में अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान जागरूकता कार्यक्रम चलाने की घोषणा की है। इस साल का मुख्य थीम ‘डिजेनरेटिव डिजिज में विकृतियों की रोकथाम” है। हडि्डयों और जोड़ों में विकृतियां हडि्डयों के बढ़ जाने, उनका आकार बदल जाने तथा जोड़ों के झुकाव बदल जाने के कारण होती है और इन कारणों से विकलांगता, अवसाद और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं । इसके कारण मरीजों को पंगु जीवन जीना पड़ता है और इन समस्याओं के उपचार में मरीजों को काफी खर्च उठाना पड़ता है।

दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन तथा दिल्ली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शरद के अग्रवाल ने कहा कि इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के साथ मिलकर दिल्ली आर्थोपेडिक एसोसिएशन उम्र के साथ होने वाली आर्थराइटिस और ओस्टियो आर्थराइटिस जैसी आर्थोपेडिक समस्याओं की रोकथाम के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा,“ उपचार से कहीं बेहतर है बचाव और इसी को ध्यान में रखकर हम लोगों को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि वे जीवन शैली में बदलाव लाकर खान –पान में सुधार लाकर तथा नियमित व्यायाम करके जोडों एवं हडि्डयों की समस्याओं की रोकथाम करें तथा जोडों एवं हडि्डयों में विकृतियां नहीं आने दें।”

 

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