डबवाली(राजमीत इंन्सा)। लोक डाउन के दौरान सब्जी मंडी में सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ रही है और सभी वर्ग के लोगों को इससे चिंता बढ़ रही है। जबकि भीड़ को देखते हुए कुछ दिन पहले स्वस्थ विभाग की टीम ने फल सब्जी विक्रेताओं के सैंपल भी लिए थे। इसके निदान के लिए राष्ट्रीय किसान संगठन की ओर से शहर वासियों और ग्रामीणों को रोजाना सब्जी मंडी पर दबाव कम करने के लिए हर घर में सब्जी की एक बेल लगाने के लिए एक बेल परिवार के लिए मुहिम शुरू की गई है।
राष्ट्रीय किसान संगठन के जिला अध्यक्ष मिट्ठू कंबोज ने बताया कि वर्तमान में रोजमर्रा के दुकानदार और आमजन सोशल डिस्टेंस के प्रति कुछ जागरूक है। लेकिन सब्जी मंडी में इसके प्रति लापरवाह रोजाना सामने आ रही है इससे सब्जी की बाड़ी लगाने वाले किसानों से चर्चा करने पर पता चला कि गिया, पेठा, तोरी व लौकी की बेल लगाने के एक माह से कम समय में उत्पादन शुरू हो जाता है और एक बेल पर 30 से 50 तोरी घिया आते हैं इसी प्रकार घर में टमाटर, बैंगन, पुदीना, गवार फली आदि गमले में भी आसानी से लगाए जा सकते हैं और जल्दी उत्पादन और हरियाली भी मिलती है।
उन्होंने बताया कि गांव और शहर के हर घर में एक बेल लगाई जाए तो अगले 1 माह में 50 प्रतिशत परिवार सब्जी के मामले में स्वाबलंबी होंगे और मंडी में बढ़ रहा दबाव भी कम होने के साथ-साथ ऑर्गेनिक घरेलू सब्जी उत्पादन का रुझान भी बढ़ेगा। सोशल मीडिया के मार्फत एक बेल मुहिम करेंगे शुरू राष्ट्रीय किसान संगठन की ओर से किसानों के साथ साथ ग्रामीणों और शहरवासियों को लॉक डाउन समय का सदुपयोग करने की हर घर में सब्जी उत्पादन के लिए मुहिम चलाई है। परिवार के लिए एक बेल मुहिम के तहत हर घर में कम से कम एक सब्जी उत्पादन के लिए बेल जरूर लगाने का आह्वान किया है। इसके लिए संगठन की ओर से सब्जी बाड़ी लगाने वाले किसानों से परामर्श उपरांत मुहिम को आगे बढ़ाया है।
ऑर्गेनिक घरेलू बेल अच्छी मुहिम
सद्भावना ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोड्यूसर पंकज कुमार ने बताया कि एक बेल गमले और कट्टे में मिट्टी भरकर लगाने से भी आसानी से बढ़ती है और एक माह के अंदर फलित भी होती है। इसमें फल सब्जी के छिलके डालने से खाद की मात्रा पूरी होगी। इन बेल के साथ पुदीना व ग्वारफली भी आसानी से लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा जिनके पास ज्यादा गमले लगाने की जगह हो या छत पर मिट्टी के बैग रखकर बेले आसानी से लगाई जा सकती है।