माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बनकर तकनीकी सहायता देने के नाम पर करते थे ठगी
- कॉल सेंटर के टीम लीडर, दो लड़कियों सहित 13 आरोपी काबू, 12 लैपटॉप व तीन मोबाइल बरामद
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। Gurugram News: कनाडा मूल के लोगों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बनकर तकनीकी सहायता देने की बात कही जाती थी। इसी से ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था। थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम के निरीक्षक नवीन कुमार ने शनिवार को बताया कि कॉल सेंटर के टीम लीडर के अलावा दो लड़कियों सहित 13 आरोपी काबू किए गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। Gurugram News
पुलिस को अपने विश्वशनीय सूत्रों के माध्यम से सूचना मिली थी कि बी-ब्लॉक सुशांत लोक फेज-3 गुरुग्राम में अवैध/फर्जी तरीके से कॉल सेन्टर चलाकर कनाडा के नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जाती है। इस सूचना पर प्रियांशु दीवान सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध के निर्देशन में एक छापेमारी टीम गठित की। सूचना में बताए गए स्थान पर चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर जाकर छापेमारी की गई। Gurugram News
पुलिस की छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर फर्जी/अवैध तरीके से संचालित होना पाया गया। विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी करके वहां से ठगी की जा रही थी। पुलिस टीम द्वारा कॉल सेंटर के टीम लीडर व दो लड़कियों सहित 13 आरोपियों को मौके से काबू किया गया।
मौके से ये पकड़े गए आरोपी | Gurugram News
आरोपियों की पहचान विशाल दुबे निवासी गांव राजहटा जिला गोरखपुर (उत्तर-प्रदेश), शुभम दुबे निवासी गांव छाछा जिला मैनपुरी (उत्तर-प्रदेश), हर्षित मिश्रा निवासी निवासी कटरा मोहल्ला जिला एटा (उत्तर-प्रदेश), रवि कौशिक निवासी दुर्गा कॉलोनी जिला भिवानी, सौरभ तंवर निवासी बाग कोठी लोहार बाजार जिला भिवानी, अक्षत कुंडू निवासी गांव हेवा जिला गाजियाबाद (उत्तर-प्रदेश), अंकित चौहान निवासी सेक्टर-18 जिला फरीदाबाद, अक्षय निवासी विष्णु नगर गोहाना जिला सोनीपत, प्रिंस निवासी कृष्णा कॉलोनी जिला भिवानी, सूरज निवासी राजा बिहार, दिल्ली, देवांश निवासी गंगा अपार्टमेंट वसुंधरा जिला गाजियाबाद (उत्तर-प्रदेश), निशि शुक्ला निवासी एलडीए कॉलोनी जिला लखनऊ
(उत्तर-प्रदेश) व दिति शुक्ला निवासी एलडीए कॉलोनी जिला लखनऊ (उत्तर-प्रदेश) के रुप में हुई। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के खिलाफ थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी सूरज इस कॉल सेन्टर का टीम लीडर है। वह अपने साथियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने अन्य साथी के कहने पर इस कॉल सेंटर को चलाता है। कॉल सेंटर में कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग 30 हजार रुपए वेतन मिलता था।
खुद को बताते हैं माईक्रोसॉफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि | Gurugram News
टीम लीडर सूरज ने बताया कि वह पिछले एक महीने से यह काम कर रहा है। वे लोग विदेशी मूल के नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान करने के नाम पर ठगी करते थे। आरोपी कनाडा के नागरिकों के कंप्यूटर में पॉप-अप के माध्यम से वायरस भेजते हैं, जिस पॉप-अप में इनका टोल फ्री नंबर लिखा होता है। जब विदेशी नागरिक इनके टोल फ्री नंबर पर कॉल करते हैं तो वह कॉल उनके स्टॉफ के लैपटॉप में इंस्टॉल किए हुए एप्लीकेशन पर लैंड होती है। कॉल आने पर कॉल सेंटर के अंदर कार्यरत एजेंट स्वयं को माईक्रोसॉफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताते हैं।
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