नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों को एक पत्र भेजकर बिना ब्रांड वाले खाद्यान्न एवं अन्य वस्तुओं पर 18 जुलाई से लगाए गए पांच प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को वापस लेने की मांग की। इसके लिए जीएसटी परिषद की एक आपात बैठक बुलाकर इस फैसले को वापस लिया जाए। कैट ने एक बयान में कहा कि देश की 85 प्रतिशत जनसंख्या बिना ब्रांड के सामान का इस्तेमाल करती है और इस पर जीएसटी लगाने के निर्णय का देश भर चौतरफ विरोध हो रहा है।
क्या है मामला:
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की आज देश के छोटे से छोटे कस्बे और गाँव में खुला सामान नहीं बिकता है बल्कि छोटी से छोटी 100 ग्राम तक का सामान भी पैकिंग में ही बिकता है । इसलिए यह कहना बेमानी है की इस कर से खुले माल को मुक्त किया हुआ है। इसछूट का कोई औचित्य ही नहीं है।
उन्होंने कहा की 25 किलो से ऊपर के माल को जीएसटी से मुक्त किया गया है। देश के छोटे व्यापारियों एवं आम जनता को भी इस छूट से कोई लाभ नहीं है क्योंकि आम तौर लोग एक किलो से लेकर अधिकतम 10 किलो की पैकिंग का माल ही खरीदते हैं और इन पर उन्हें पांच प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा। महंगाई के इस दौर में जीएसटी से जनता पर दोहरी मार पड़ेगी।
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