केबल आॅप्रेटरों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले सिद्धू को सोचने की सलाह
- ‘अपनी मर्यादा को भूल रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू’
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब में बादल परिवार व फास्ट-वे के खिलाफ चल रही सिद्धू की जंग से कांग्रेस के कई मंत्री खुश नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में अधिकतर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू का साथ नहीं देंगे, क्योंकि सिद्धू बिना जानकारी के ही प्रैस कांफ्रैंस के द्वारा आरोप लगा रहे हैं। बाद में सच्चाई कुछ ओर ही निकलकर बाहर आ रही है।
बाहरी व्यक्तियों की मदद से आरोप लगाना गलत
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से फास्टवे केबल के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू लगातार दो प्रैस कांफ्रैंस कर चुके हैं। सिद्धू फास्टवे केबल पर टैक्स चोरी व 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी प्रैस कांफ्रैंस के दौरान तो सिद्धू ने बाहरी व्यक्तियों को बुलाकर उनके माध्यम से आरोप साबित करने का प्रयास किया।
इस दौरान जारी आंकड़ों से असल स्थिति का पता नहीं लग रहा, जिस कारण उनके साथी कैबिनेट मंत्री भी उनकी इस कार्रवाई से नाराज दिख रहे हैं। बुधवार को प्रैस कांफ्रैस में नवजोत सिद्धू ने फास्टवे केबल खिलाफ टैक्स चोरी के लिए आडिट करवाने संबंधी आर्डीनैंस लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों को साथ देने की मांग की थी, जिसे कई कैबिनेट मंत्रियों ने नकार दिया है।
फास्ट-वे मामले में तो तृप्त राजिन्दर बाजवा ने सिद्धू का साथ देने से इंकार कर दिया है, जबकि मनप्रीत बादल का कहना है कि नवजोत सिद्धू का फास्ट-वे मामले पर विचार करने के बाद ही बहस होगी, फिर ही कोई फैसला लिया जा सकता है।
सिद्धू ने मेरे साथ कोई बात नहीं की: पंचायत मंत्री बाजवा
पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा की मदद लिए बिना नवजोत सिद्धू कार्रवाई नहीं कर सकते लेकिन इस मामले में सिद्धू ने तृप्त राजिन्दर बाजवा के साथ बातचीत ही नहीं की। उन्होंने कहा कि जब मुझे कोई जानकारी ही नहीं है तो वह साथ कैसे देंगे और न ही सिद्धू ने उनके साथ कोई बातचीत की है। सिद्धू द्वारा पेश किए आंकड़ें असमंजस में डालने वाले हैं। पहले इस संबंधी दुरुस्त जानकारी होनी चाहिए, उसके बाद ही कुछ होना चाहिए।
सिद्धू मुद्दा रखेंगे तो पहले बहस होगी: मनप्रीत बादल
मनप्रीत बादल ने कहा कि आर्डीनैंस इस तरीके से पेश नहीं किया जाता, जिस तरीके से सिद्धू पेश कर रहे हैं। उन्हें पहले इस संंबंधी चर्चा करनी चाहिए। मनप्रीत बादल ने कहा कि सिद्धू यह मामला कैबिनेट में लेकर आएंगे तो हर कैबिनेट मंत्री इस पर चर्चा करेगा और बाद में जो भी फैसला होना है, उसके लिए एकजुटता होनी जरूरी है।
जल्दबाजी कर रहे हैं सिद्धू
एक कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सिद्धू जल्दबाजी में अपनी मर्यादा भूल गए हैं, क्योंकि प्रैस कांफ्रैंस में सीधे मुख्यमंत्री पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने क्या संदेश भेजा है या फिर नहीं भेजा है, इस संबंधी मीडिया में बात करना गलत है। उन्होंने कहा कि पहले सिद्धू खुद समझ लें क्या आखिर घोटाला हुआ भी है या फिर नहीं?
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