गेहूं की बजाय सरसों की बिजाई पर आर्थिक मदद देने का एलान अभी करे सरकार
- पंजाब में कांति आने से देश को होगा लाभ
संगरूर। धान की सीधी बिजाई करने पर किसानों को पंद्रह सौ रुपये प्रति एकड़ की मदद देने के पंजाब सरकार के फ़ैसले का संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चेंबर के चेयरमैन डा एआर शर्मा और पूर्व अध्यक्ष घनश्याम कांसल ने भरपूर स्वागत किया है। दोनों उघोगपतियों ने कहा कि सरकार के इस फ़ैसले से पूरे पंजाब में पानी की बचत होगी लेकिन ज़िला संगरूर को सबसे ज़्यादा राहत मिलेगी । ज़मीन से पानी के दोहन की वजह से संगरूर ज़िले के सभी ब्लाक डार्क ज़ोन में हैं। ऐसे नाज़ुक हालात में सरकार का यह फ़ैसला वरदान साबित हो सकता है । उन्होंने कहा कि इससे बिजली की बचत भी होगी।
पंजाब में बिजली संकट भी गहरा रहा है । ज़मीन से पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल का सहारा लेना पड़ता है। जोकि बिजली से संचालित हैं। डा शर्मा ने कहा कि रबी की फसल से पहले पंजाब सरकार एक अन्य अहम घोषणा भी करे जोकि समय की माँग है । गेहूं की बजाय सरसों तथा अन्य ऐसी फसलें जो पानी की खपत कम करती हों, को तरजीह देने वाले किसानों के लिए इसी तरह की आर्थिक मदद करने का एलान किया जाए । ऐसी घोषणा अभी की जाए तांकि किसान इसे लेकर अभी से तैयारी कर सकें। किसानों को बढ़िया क़िस्म का बीज उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाए जा सकें। सरसों से तेल निकालने के नए प्लांट स्थापित हो सकें।
डॉ. शर्मा ने कहा कि पिछले शुक्रवार को पंजाब सरकार के मार्कफेड अदारे के एमडी रामवीर (आईएएस) ने सालवेंट एसोसिएशन से बैठक करके तेल उत्पादन फसलों की खेती को तरजीह देने को लेकर बैठक की थी। फ़सली चक्र को तोड़ने के प्रति सरकार गंभीरता दिखाते हुए गेहूं के स्थान पर सरसों की बिजाई के लिए किसानों को उत्साहित करे तो पंजाब में नई क्रांति आएगी । तेल क्षेत्र में देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। पंजाब के पानी और बिजली की बचत होगी और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे । हरियाणा भी किसानों के लिए नई योजनाएँ लेकर आ रहा है । पंजाब के लिए ऐसी योजनाओं को लागू करना समय की ज़ोरदार माँग है।
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