खारियां, (सुनील कुमार)। डेरा सच्चा सौदा इन्सानियत की वो पाठशाला है जहां पर आने के बाद प्रत्येक व्यक्ति पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणानुसार सभी बुराइयों को छोड़कर इन्सानियत के राह पर चलने लगता है। यहां से जुड़े हर श्रद्धालु को सेवा कार्यों के साथ राम-नाम के सिमरन से अपने जीवन को सुधारने का सुनहरी मौका मिलता है। जिसके लिए करोड़ों की संख्या में डेरा अनुयायी पूज्य गुरू जी के वचनों का अनुसरण करते हुए हर समय सेवा कार्यों में नि:स्वार्थ भाव व अथक मेहनत के साथ डटे रहते हैं।
मैं वर्ष 1994 में पूज्य गुरूजी का सत्संग सुनने के लिए डेरा सच्चा सौदा सरसा आया। उस समय मुझे ये महसूस हुआ कि अगर अपने जीवन को सफल बनाना है तो इन्सानियत की नि:स्वार्थ सेवा करनी होगी। जिसके लिए मंैने पूज्य गुरू जी से नाम की अनमोल दात प्राप्त कर खुली सेवा में लग गया। जिसको करने से मुझे आत्मिक शान्ति मिलती है।
– कर्म सिंह इन्सां, ब्लॉक पानीपत।
मैंने जब 2008 में पूज्य गुरूजी से गुरुमंत्र लिया था। मेरा जीवन उसी समय संवरने लगा। मैं बुराइयों से दूर होता गया और जैसे ही दरबार आता कई कई दिनों तक सेवा कार्यों में लगा रहता। जिससे मेरा मन हमेशा शान्त व सिमरन की ओर लगा रहता।
– राजवीर इन्सां, ब्लॉक लुधियाना।
नामदान से पूर्व मेरा मन अशान्त व विचलित सा रहता था लेकिन 2007 में पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से गुरूमंत्र लेने के बाद मैं एक घुटन से बाहर आया और तब से ही सफाई समिति की पक्की सेवा ली जो आज तक निरंतर चल रही है।
– जगदीश इन्सां, ब्लॉक सिन्दरा राऊ यूपी।
मैं वर्ष 2006 से ही मोबाईल सेवा समिति का सेवादार हूूं। यहां आने से मेरा ध्यान हमेशा अच्छे कर्मों की ओर रहता है तथा पूज्य गुरू जी के आशीर्वाद से जीवन सुखमय व खुशियों से व्यतीत हो रहा है।
– रविन्द्र इन्सां, ब्लॉक चक सिंघेवाला फाजिलका।
साल 1998 में नामदान लेने से पहले मेरे में सभी प्रकार की बुराइयों का वास था। मैं हर तरह का नशा व कुसंगती के सम्पर्क में रहा। उसके बाद वर्ष 2000 में मैंने पूज्य गुरू जी के वचनों पर अमल करते हुए सड़क समिति की सेवा में जैसे ही लगा तो सभी प्रकार की बुराइयों व नशे से स्वत: ही दूर हो गया और गुरुमंत्र से मुझे आत्मबल मिला व पारिवारिक शान्ति भी प्राप्त हुई।
– कुलविन्द्र इन्सां, ब्लॉक लालडू मौहाली।
आज से करीब 25 वर्ष पूर्व मैं शराब का आदी था। मेरी सुबह व शाम शराब व परिवार के सदस्यों के साथ गालियों तथा लड़ाई झगड़े में ही व्यतीत होती थी। तब मेरे गांव का एक प्रेमी भाई मुझे डेरा सच्चा सौदा दरबार में पूज्य गुरूजी की सत्संग सुनने के लिए लेकर आया और उसी दिन से मेरा मन परिवर्तन हुआ और मैनें पूज्य गुरूजी से गुरूमंत्र लिया। जिसके कुछ समय बाद मुझे अधरंग/पेरालाइसिस हो गया जो बिना दवाइयों के सत्संग का प्रशाद लेने से ही ठीक हो गया और उसी दिन से मैं यातायात सेवा में लग गया।
– नारायण दास इन्सां, ब्लॉक फरीदकोट।
दूनिया चाहे कुछ भी कहे डेरा सच्चा सौदा में प्रत्येक अनुयायी को बुरे कर्मों से दूर कर इन्सानियत की सीख दी जाती है तथा अच्छे संस्कारों से पूर्ण किया जाता है। यहां से जुडे हर व्यक्ति को समाज में व्याप्त बुराइयों व कुरीतियों से दूर हटकर हर जरूरतमंद की सेवा व सहायता करने का मौका मिलता है जो बहुत ही सुकून भरा होता है।
– जयदीप इन्सां, ब्लॉक रामा नसीबपुरा बठिंडा।
मैं व मेरा पूरा परिवार पिछले 20 वर्षों से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हुए हैं। मुझे जब भी मौका मिलता है मैं आरे व खुली सेवा के लिए दरबार चला आता हूँ लेकिन मुझे उस समय बहुत खुशी महसूस होती है जब हमारे छोटे-छोटे बच्चे पूज्य गुरूजी की प्रेरणाओं व वचनों के बारे में हमसे कुछ जानते रहते हैं तथा उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए अच्छे संस्कारों के साथ इन्सानियत व व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। जिसके लिए मैं पूज्य गुरूजी का हमेशा शुक्रगुजार रहुंगा।
– सतपाल इन्सां, ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां।
नामदान लेने के बाद जब मैंने सत्संग में आकर पूज्य गुरु जी के वचनों को सुनना शुरू किया तो पता चला कि उनके हर वचन में कुछ राज छुपा होता है जो हमारे जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। जब से मैंने उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना शुरू किया तभी से उनकी रहमतों से मेरे परिवार में खुशियां व बरकतें शुरू हो गई।
– गुरसेवक इन्सां, ब्लॉक सादूहेड़ी पटियाला।
पूज्य गुरू जी के आशीर्वाद से जब से मैंने एमएसजी का सामान घर में लाना शुरू किया तभी से जीवन व स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो गया। एमएसजी का हर उत्पाद पूर्णत्या शुद्ध, शाकाहारी व आॅर्गेनिक हैं। जो कीमत के साथ स्वास्थ्य के लिए काफी किफायती है।
– इन्द्रा देवी इन्सां, ब्लॉक बल्लुआना अबोहर।