निवेशकों को लगा लाखों करोड़ों रुपये का चूना
मुम्बई (एजेंसी)। वैश्विक दबाव के साथ नकारात्मक आर्थिक आंकड़े, भारतीय मुद्रा के 74 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से नीचे लुढ़कने और कच्चे तेल की कीमतों में उफान के कारण शेयर बाजार (Share Market)में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को कारोबारी माहौल पूरी तरह नकारात्मक बना रहा। निवेशक इसके साथ ही रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने के फैसले से भी हतोत्साहित रहे।
तेल एवं गैस, ऊर्जा और पीएसयू समूह में हुई भारी बिकवाली के दबाव में बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 792.17 अंक का तेज गोता लगाकर 35,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से लुढ़कता हुआ 34,376.99 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 282.80 अंक टूटकर 10,316.45 अंक पर बंद हुआ। दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मंझोली कंपनियों को भी बिकवाली के कारण काफी नुकसान हुआ। बीएसई का मिडकैप 2.70 प्रतिशत यानी 388.72 अंक फिसलकर 14,003.81 अंक पर और स्मॉलकैप 2.02 प्रतिशत यानी 285.90 अंक टूटकर 13,840.26 अंक पर बंद हुआ।
ईंधन की कीमतों में रही तेजी के कारण लागत बढ़ने और मजबूत डॉलर की वजह से आयात महंगा होने से सितंबर में देश के सेवा क्षेत्र की रफ्तार सुस्त पड़ गई। निक्की इंडिया द्वारा जारी सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक के मुताबिक यह अगस्त के 51.5 से गिरकर सितंबर में 50.9 पर आ गया। इस बीच लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा भी बढ़त बनाता हुआ 85 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया।
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