पंजाब सरकार को सताने लगी घाटे की चिंता, जल्द बढ़ेगा बसों का किराया

आम जनता को फिर से लगेगा झटका, महंगे बस सफर कारण देने पड़ेंगे अधिक पैसे

 1 जुलाई से पहले बढ़ सकती हैं बस किराये की दरें

चंडीगढ़(सच कहूँ/अश्वनी चावला) । पंजाब सरकार को कोरोना काल के दौरान अपने घाटे की चिंता खाए जा रही है, जिस कारण पंजाब सरकार जल्द ही बस किराये में विस्तार करने जा रही है। ट्रांसपोर्ट विभाग तो बस किराये में 50 प्रतिशत तक विस्तार चाहता था परंतु मुख्य मंत्री अमरेन्द्र सिंह की ओर से इस वृद्धि को गलत करार देते हुए कुछ कम वृद्धि को हरी झंडी दे दी है। हालांकि विभाग के उच्च अधिकारी से लेकर ट्रांसपोर्ट मंत्री इस सम्बन्धित कोई भी जानकारी देने से साफ इन्कार कर रहे हैं परन्तु बताया जा रहा है कि 20 प्रतिशत तक बस किराये में विस्तार हो सकता है, जिससे पंजाब के लोगों की जेब पर ओर अधिक बोझ पड़ने जा रहा है। जानकारी अनुसार कोरोना वायरस के चलते अप्रैल और मई के माह में बसें बंद होने के कारण पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग और प्राईवेट ट्रांसपोर्ट को काफी अधिक नुक्सान हुआ था। इसके साथ ही अब 1 जून से बस सेवा तो शुरू कर दी गई है परंतु हर बस में 50 प्रतिशत से कम ही सवारियों को बिठाने शर्त भी तय की है। यहीं कोरोना के चलते आम लोग भी बसों में कम ही सफर कर रहे हैं, जिस कारण सरकारी और गैर सरकारी ट्रांसपोर्ट को काफी अधिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है।

घाटा पूरा करने के लिए किराया बढ़ाना जरूरी : रजिया सुलताना

ट्रांसपोर्ट विभाग की मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि पंजाब में प्रतिदिन ही सरकारी और गैर सरकारी ट्रांसपोर्ट को नुक्सान झेलना पड़ रहा है। इसलिए बस किराये में विस्तार जरूरी है, क्योंकि 1 करोड़ रूपये का घाटा प्रतिदिन सहना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धित मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह से स्वीकृति मिल गई है और जल्द ही वृद्धि का ऐलान किया जा सकता है।

अब पिछले 10 दिनों से लगातार डीजल की बढ़ रही कीमतों के चलते सरकारी और गैर सरकारी बसों को ओर भी अधिक घाटे का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब सरकार के सरकारी ट्रांसपोर्ट को ही रोजमर्रा की 1 करोड़ रूपये का घाटा सहना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के पास तजवीज रखी गई थी कि बस किराये में 50 प्रतिशत विस्तार किया जाये, क्योंकि 1 करोड़ के प्रतिदिन के घाटे को सहना मुश्किल है। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह की ओर से इस तजवीज को रद्द करते हुए इतना अधिक विस्तार करने से साफ इन्कार कर दिया है। क्योंकि इस समय काफी अधिक गरीब या फिर मजबूरी वाले लोग ही बसों में सफर कर रहे हैं, इन लोगों के पास कमाई के सीमित साधन होने के चलते इन पर अधिक बोझ भी डाला नहीं जा सकता है। इस लिए मुख्यमंत्री की ओर से 50 प्रतिशत की जगह पर कम विस्तार करने की स्वीकृति दे दी गई है। अब ट्रांसपोर्ट विभाग जल्द ही 20 प्रतिशत तक बस किराये में विस्तार करने का ऐलान कर सकता है।

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