झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजयशंकर पांडेय की पहल पर झांसी जनपद के विभिन्न किसानों ने परंपरागत खेती के स्थान पर तुलसी की खेती को प्रश्रय देकर लाभ हासिल करना शुरू कर दिया है और आर्थिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाया है । मण्डलायुक्त ने सोमवार को बताया कि सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को प्रकृति ने प्रचुर मात्रा में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के उत्पादन के अनुकूल बनाया है। यहां की शुष्क और चट्टानी भूमि में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को अच्छी तरह विकसित होने के अनुकूल बनाया है।
बुन्देलखंड क्षेत्र में औषधीय फसलों की खेती को बढ़ावा देने, प्रसंस्करण और स्टार्टअप के विकास पर चर्चा समय की मांग है। औषधीय पौधों के उत्पादन बढ़ाकर यहां के किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। यहां औषधीय फसलों की खेती में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, वर्ष 2021-22 में मंडल स्तर पर गठित विशिष्ट कृषि उत्पाद समिति द्वारा किये गये प्रयासों से कुछ किसानों ने 2000 एकड़ तुलसी, 200 एकड़ अश्वगंधा, 300 एकड़ कैमोमाईल, 300 एकड़ हिबिस्कस और 250 एकड़ दवाना फसलों के साथ प्रयोग किया गया और लाभ कमाया गया।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2500-3000 एकड़ क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य
वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस क्षेत्र में तुलसी की खेती के तहत लगभग तीन गुना क्षेत्रफल में वृद्धि का एक बड़ा कारण विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण समिति का है, जिसका गठन मंडलायुक्त के निर्देशन में किया गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2500-3000 एकड़ क्षेत्र विस्तार करने का लक्ष्य है, जिसमें लगभग 1300-1500 किसान लाभान्वित होंगे। अब तक तुलसी की खेती का लगभग पूरा विस्तार बंगरा, गुरसरायं एवं मऊरानीपुर में था। इस वित्तीय वर्ष में इसका विस्तार अन्य विकासखण्डों में किया जायेगा। इस विस्तार में नवगठित एफपीओ बुन्देलखंड फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
बंगरा क्षेत्र के एफपीओ निदेशक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि सामान्यतः विशिष्ट फसलों के उत्पादन के बाद उसके विपणन की एक बड़ी चुनौती होती हैं। औषधीय फसलों के साथ यह चुनौती और बढ़ जाती है, किन्तु झांसी के तुलसी क्लस्टर की एक विशिष्टता यह है कि यहां के किसानों की समस्त तुलसी आर्गेनिक इण्डिया एवं पतंजलि द्वारा किसानों के गांव से ही खरीदी जा रही है और उनको लगभग 10,000 रू़ प्रति क्विंटल की दर मिल रही है, जिससे प्रति एकड़ 40-50 हजार रू़ का शुद्ध लाभ प्राप्त हो रहा है, जो परम्परागत फसलों से लगभग दो गुना है।
105 एकड़ में प्राप्त हुआ 418 क्विंटल उत्पादन
झांसी जनपद में वित्तीय वर्ष 2014-15 में उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अन्तर्गत 71 किसानों द्वारा 90 एकड़ में तुलसी की खेती करायी गयी। इसके बाद निरन्तर धीरे-धीरे क्षेत्रफल में वृद्धि होती रही, जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 116 किसानों ने 105 एकड़ में खेती की, जिसका उत्पादन 418 क्विंटल प्राप्त हुआ।
वर्ष 2020-21 में 286 किसानों ने 318 एकड़ में खेती की, जिसमें 1272 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ । वित्तीय 2021-22 में 535 किसानों ने 1205 एकड़ में खेती की, जिसमें 4820 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसमें कुल 4.82 करोड़ का उत्पादन किसानों द्वारा किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2500 से 3000 एकड क्षेत्रफल में विस्तार करने का लक्ष्य है । इस योजना से 1300-1500 किसान लाभांवित होंगे। अभी तक जनपद के ब्लाक बंगरा, गुरसरायं एवं मऊरानीपुर में होती थी लेकिन अब तुलसी की खेती का पूरे मण्डल में इसका विस्तार कराया जायेगा। इस विस्तार में नवगठित एफपीओ बुन्देलखंड फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। तुलसी आर्गेनिक इण्डिया एवं पतंजली कं० द्वारा किसानों के गांव से ही तुलसी की खरीद की जा रही है और उनको लगभग 10,000 रू० प्रति कु० की दर मिल रही है, जिससे प्रति एकड़ 40-50 हजार रू० का शुद्ध लाभ प्राप्त हो रहा है, जो परम्परागत फसलों से लगभग दो गुना है।
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