अमेरिकी कंपनी मोट मैकडॉनल्ड ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी है
नई दिल्ली। अहमदाबाद-मुंबई के बाद बुलेट ट्रेन उत्तर प्रदेश में भी चलती दिखाई दे सकती है। नई दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन के रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट अमेरिकी कंपनी मोट मैकडॉनल्ड ने तैयार कर सरकार को सौंप दी है। अगले महीने पेश होने वाले बजट में इस रेल लाइन के निर्माण के लिए पैसे स्वीकृत किए जा सकते हैं। उसके बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण शुरू होगा। हालांकि इस सबको पूरा होने में कम से कम पांच से सात साल लग सकते हैं।
दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर के अलावा केंद्र सरकार पांच अन्य रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार करा रही है। ये हैं- दिल्ली से चंडीगढ़ होते हुए अमृतसर, चेन्नई से बंगलूरू, दिल्ली से भोपाल, कोलकाता से टाटानगर और कोलकाता से धनबाद। दिल्ली से कानपुर होते हुए वाराणसी तक जाने वाली बुलेट ट्रेन को बाद में पटना और अंतत: कोलकाता तक ले जाया जा सकता है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन शुरू होने की मियाद अगस्त 2022 है। इसके लिए आधे से ज्यादा जमीन का अधिग्रहा हो चुका है। नवंबर से ट्रैक निर्माण शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि बुलेट ट्रेन लक्ष्य से एक साल पूर्व ही मुंबई से सूरत तक के खंड में अगस्त 2021 से चलने लगेगी।
जीका ने दिया है 90,000 करोड़ का कर्ज
अहमदाबाद से मुंबई तक चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी जीका ने बनाई थी। इस बुलेट ट्रेन की लागत 1.1 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 90 हजार करोड़ का कर्ज जीका ने 0.1 फीसदी ब्याज पर 50 साल के लिए दिया है।
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