नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। गुजरते वर्ष को कृषि क्षेत्र में बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि, रिकॉर्ड मात्रा में खाद्यान्न फसलों एवं बागवानी उत्पादों, पाम आयल मिशन तथा 50 अरब डालर से अधिक के कृषि वस्तुओं के निर्यात के लिए याद किया जायेगा। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए वर्ष 2022-23 में बजट आवंटन बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
खाद्यान्न उत्पादन जनवरी 2022 के 30.65 करोड़ टन से बढ़कर दिसम्बर 2022 में 31 .57 करोड़ टन (चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार) हो गया है जो अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन है। तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, बागवानी उत्पादन 2020-21 के दौरान 33 करोड़ टन से अधिक था, जिसे 2021-22 के दौरान बढ़ाकर 34 करोड़ टन तक पहुंचा दिया गया। यह भारतीय बागवानी के लिए अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।
अगले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर
खाद्य तेलों के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरूआत- आॅयल पाम (एनएमईओ) को 11,040 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है। इससे अगले पांच वर्षों में पूर्वोत्?तर राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर और शेष भारत में 3.22 हेक्?टेयर के साथ आॅयल पाम वृक्षारोपण के तहत 6.5 लाख हेक्टेयर का अतिरिक्त क्षेत्र आएगा। फसल वर्ष 2020-21 के लिए, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 12,11,619.39 टन दलहन और तिलहन की खरीद की जिससे 7,06,552 किसानों को लाभ हुआ, जबकि वर्ष 2021-22 में 31,08,941.96 टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की गयी जिससे 14,68,699 किसानों को लाभान्वित हुए।
इसके अलावा, खरीफ 2021-22 मौसम के तहत जनवरी, 2022 तक खरीदे गए 2,24,282.01 टन दलहन और तिलहन की खरीद की गयी जिससे 1,37,788 किसान लाभान्वित हुए जबकि खरीफ 2022-23 खरीद मौसम के तहत दिसम्बर 2022 तक 915.79 करोड़ रुपये मूल्य की 1,03,830.50 टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की गई जिससे 61,339 किसानों को लाभ मिला है।
1.82 लाख करोड़ रुपये जारी
पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू की गई थी जो कि किसानों को 6000 रुपये प्रति वर्ष तीन समान किस्तों में प्रदान करने वाली आय सहायता योजना है। पीएम-किसान योजना में, जनवरी, 2022 में 11.74 करोड़ से अधिक किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए,जबकि दिसम्?बर, 2022 तक 11 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को अब तक दो लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जा चुके हैं। कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण जनवरी, 2022 में 16.5 लाख करोड़ रुपये था, जिसे दिसम्बर, 2022 में बढ़ाकर 18.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। अल्पकालिक कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए चार प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज पर केसीसी के माध्यम से रियायती संस्थागत ऋण का लाभ पशुपालन और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को भी दिया गया है।
देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 2015-16 में परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) शुरू की गई। जनवरी, 2022 तक 30934 क्लस्टर बनाए गए और 6.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया जिससे 15.47 लाख किसान लाभान्वित हुए, जो दिसम्बर, 2022 में बढ़कर 32384 क्लस्टर हो गए जिससे 16.19 लाख किसानों को लाभान्वित करते हुए 6.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है।
नई एफपीओ योजना के तहत जनवरी, 2022 तक कुल 2110 एफपीओ पंजीकृत किए गए थे, जो दिसम्बर, 2022 तक बढ़कर 4016 एफपीओ हो गए। आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में 2020 में एक राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) शुरू किया गया है। मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 2020-2021 से 2022-2023 की अवधि के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 70 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं। एनबीएचएम के तहत वित्त पोषण के लिए लगभग 118.00 करोड़ रुपये की सहायता से 70 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जबकि दिसम्?बर, 2022 तक लगभग 139.23 करोड़ रुपये की सहायता से 114 परियोजनाओं को एनबीएचएम के तहत वित्त पोषण के लिए स्वीकृत किया गया है।
वर्ष 2015-16 के दौरान प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकियों यानी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेतों में पानी के उपयोग की दक्षता को बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई के तहत जनवरी, 2022 तक 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया, जिसे दिसम्बर 2022 में बढ़ाकर 69.55 लाख हेक्टेयर कर दिया गया। देश ने कृषि और संबद्ध वस्तुओं के निर्यात में जबरदस्त वृद्धि देखी है। पिछले वर्ष 2020-21 की तुलना में, कृषि और संबद्ध निर्यात 2020-21 के 41.86 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2021-22 में 50.24 अरब अमेरिकी डालर हो गया है, यानी की 19.99 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
पिछले वर्ष की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज करने वाली प्रमुख वस्तुओं में गेहूं 273.54 प्रतिशत (567.93 से 2121.46 मिलियन अमेरिकी डालर), बासमती चावल के अलावा 27.29 प्रतिशत (4810.80 से 6123.82 मिलियन अमेरिकी डालर), अवशेष सहित कच्चा कपास 48.43 प्रतिशत (1897.21 से 2816.24 मिलियन अमेरिकी डालर), कैस्टर ऑयल 28.16 प्रतिशत (917.24 से 1175.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर), अन्य अनाज 53.82 प्रतिशत (705.38 से 1085.05 मिलियन अमेरिकी डॉलर), कॉफी 41.84 प्रतिशत (719.66 से 1020.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर), ताजे फल 14.11 प्रतिशत (768.54 से 876.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।अप्रैल-अक्टूबर, 2022 के दौरान कृषि और संबद्ध वस्तुओं का निर्यात 30.21 बिलियन अमेरिकी डालर रहा, जो 2021-22 की समान अवधि में 11 प्रतिशत की वृद्धि होकर 26.98 बिलियन अमेरिकी डालर हो गया।
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