नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सड़क, रेल, बंदरगाह समेत सात इंजन है जिसके सहारे से तेज आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। श्रीमती सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री गति शक्ति के सात आधारों सड़क, रेल, हवाई अड्डे, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और मालवहन के बल पर आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि ये सात आधार अर्थव्यवस्था के सात इंजन हैं। उन्होेंने कहा कि अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में हैं और इसे ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और सामाजिक ढ़ांचे से और गति मिलेगी। उन्होेंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला है जिससे अगले पांच साल में 30 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन होगा और 60 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं आईयें जानते हैं कि बजट में क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ महंगा।
सस्ता होने वाला सामान
- विदेश से आने वाली मशीनें होंगी सस्ती
- मोबाइल फोन, चार्जर होंगे सस्ते
- खेती का सामान होगा सस्ता
- कपड़ा होगा सस्ता
- हीरे के गहने होंगे सस्ते
महंगा होने वाला सामान
- छाता
अनब्लेंडेड तेल अक्टूबर 22 से होगा दो रुपये महंगा
सरकार ने आज संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुये अनब्लेंडेड पेट्रोल और डीजल दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है जिससे ये दोनों ईंधन महंगें हो जायेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट को पेश करते हुये कहा कि ईथेनॉल ब्लेंडिंग को बढ़ावा देने के लिए यह प्रस्ताव किया गया है। यह प्रस्ताव एक अक्टूबर से प्रभावी हो जायेगा। उल्लेखनीय है कि अभी ईथेनॉल मिश्रित पेट्रोल और डीजल को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किये गये हैं ताकि कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम हो सके और विदेशी मुद्रा व्यय में कमी आ सके।
बजट में किसान:
- साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया
- रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा।
- किसानों को डिजिटल सेवाएं दी जाएंगी और भारत में गरीबी मिटाने के लक्ष्य पर पुरजोर रूप से कार्य किया जाएगा
- ड्रोन के जरिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देंगे. 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनट बनाए जाएंगे।
- किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरूआत होगी।
- जीरो बजट खेती और प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
- किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा।
- गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
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